रोशनी का त्योहार दिवाली भारत का सबसे बड़ा और सबसे खुशी भरा पर्व है। इस दिन हर घर में दीये जलते हैं, मिठाइयां बांटी जाती हैं और देवी लक्ष्मी की आराधना होती है। मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और साफ-सुथरे, भक्तिमय व प्रकाशमय घरों को धन-धान्य की बरसात का आशीर्वाद देती हैं। इस बार लक्ष्मी पूजा सोमवार, 20 अक्टूबर को होगी। पंचांग अनुसार, प्रदोष काल में पूजा सबसे शुभ मानी जाती है, क्योंकि इसी वक्त देवी का अवतरण होता है।
लक्ष्मी पूजा 2025 का शुभ मुहूर्तइस साल पूजा के लिए ये समय सबसे उत्तम हैं। प्रदोष काल शाम 5:46 से रात 8:18 तक चलेगा, जबकि वृषभ काल शाम 7:08 से रात 9:03 बजे तक रहेगा। अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक चलेगी। इन मुहूर्तों में पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
प्रमुख शहरों में पूजा का समयअलग-अलग शहरों में स्थानीय पंचांग के आधार पर समय थोड़ा बदलता है। दिल्ली में सुबह 7:08 से रात 8:18 तक, गुरुग्राम में सुबह 7:09 से रात 8:19 तक, जयपुर में सुबह 7:17 से रात 8:25 तक पूजा का मुहूर्त है। चंडीगढ़ में सुबह 7:06 से रात 8:19 बजे तक, मुंबई में सुबह 7:41 से रात 8:41 तक और अहमदाबाद में सुबह 7:36 से रात 8:40 बजे तक समय रहेगा। कोलकाता में 21 अक्टूबर को सुबह 5:06 से शाम 5:54 तक, बेंगलुरु में सुबह 7:31 से 8:25 तक, हैदराबाद में 7:21 से 8:19 तक और चेन्नई में 7:20 से 8:14 तक पूजा करें। अपने शहर का समय चेक करके न चूकें!
लक्ष्मी पूजा विधि और तैयारीदिवाली के दिन भोर सवेरे उठें, घर की अच्छी तरह सफाई करें और पूर्वजों व कुलदेवताओं का स्मरण करें। कई परिवार व्रत रखते हैं या श्राद्ध कर्म करते हैं, फिर शाम को पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं। घर को गेंदे के फूलों, आम या केले के पत्तों और अशोक की टहनियों से सजाएं। मुख्य द्वार पर जल से भरा मंगल कलश रखें और उसके ऊपर नारियल स्थापित करें – इससे सौभाग्य का द्वार खुलता है।
सरल पूजा विधिपूजा शुरू करने से पहले लाल कपड़ा बिछाकर दाईं तरफ देवी लक्ष्मी और बाईं तरफ भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित करें। सफेद कपड़े पर नवग्रह के लिए चावल की नौ छोटी ढेरियां बनाएं। कलश में जल, चावल, सिक्का व सुपारी भरें, ऊपर आम के पत्ते और नारियल रखें। लक्ष्मी जी के सामने गेहूं या आटे की 16 छोटी ढेरियां तैयार करें। उनके पास सोने या चांदी का सिक्का रखें। फिर फूल, मिठाई, फल और धूप अर्पित कर लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें।
श्री लक्ष्मी ध्यान मंत्रपूजा के दौरान ये मंत्र जपें: “य स पद्मासनस्थ विपुलकति पद्मपत्रयताक्षी… स नित्यं पद्महस्त मम वास्तु गृहे सर्व-मांगल्य-युक्त।”
दिवाली का धार्मिक महत्वदिवाली की रात लक्ष्मी पूजा का खास महत्व है। सही मुहूर्त, स्वच्छता और सच्ची भक्ति से पूजा करने पर घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। पूरे परिवार के साथ मिलकर ये कर्म करने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और धन-धान्य की कमी कभी नहीं होती। ये पूजा महज रस्म नहीं, बल्कि घर में सौभाग्य और वैभव लाने का सबसे पवित्र उपाय है।
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