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LPG गैस 50 रुपये महंगा, पेट्रोल-डीजल भी नहीं बख्शे, अब क्या होगा?

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पिछले कुछ दिनों से आम जनता की जेब पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है। पहले पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे थे, और अब केंद्र सरकार ने एलपीजी गैस की कीमतों में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। यह खबर उन परिवारों के लिए किसी झटके से कम नहीं है, जो रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए रसोई गैस पर निर्भर हैं। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी 2 रुपये प्रति लीटर का इज़ाफा किया गया है। ये नए दाम आज रात 12 बजे से लागू हो जाएंगे, जिससे लोगों के बजट पर अतिरिक्त दबाव पड़ना तय है।

कीमतों में बढ़ोतरी का कारण क्या?

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस फैसले पर सफाई देते हुए कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव इसका बड़ा कारण है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार आने वाले दिनों में स्थिति की समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ने पर कदम उठाएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह समीक्षा आम लोगों को राहत दिला पाएगी, या फिर यह महंगाई का सिलसिला अभी और लंबा चलेगा? जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अस्थिरता और रुपये की कमज़ोरी इस बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजहें हैं।

रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर

एलपीजी गैस के दाम बढ़ने का सबसे ज़्यादा असर मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों पर पड़ेगा। रसोई का बजट पहले ही सब्जियों और दालों की बढ़ती कीमतों से लड़खड़ा रहा था, और अब गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी ने हालात को और मुश्किल बना दिया है। वहीं, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 रुपये का इज़ाफा ट्रांसपोर्ट और सामानों की ढुलाई को महंगा करेगा, जिसका असर बाज़ार में हर चीज़ की कीमतों पर दिखेगा। एक आम नागरिक ने नाराज़गी जताते हुए कहा, "पहले खाना बनाना मुश्किल हो रहा था, अब गाड़ी चलाना भी भारी पड़ रहा है।"

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