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यूपी में 5 दिन मूसलाधार बारिश का कहर! देखें किन जिलों में मौसम बनेगा आफत

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पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में एक बार फिर मौसम अपना रंग बदलने जा रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सोमवार से मौसम के मिजाज में बड़े बदलाव की संभावना है। मौसम विभाग ने इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते जनजीवन पर व्यापक असर पड़ सकता है। खासकर जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में बादल फटने और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है, जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यह अलर्ट न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों और यात्रियों के लिए भी सतर्कता का संदेश है।

जम्मू-कश्मीर में बादल फटने का खतरा

जम्मू संभाग में मौसम विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। बादल फटने की आशंका के कारण कई क्षेत्रों में प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमें तैनात की हैं। भूस्खलन की संभावना ने स्थानीय लोगों और यात्रियों की चिंता बढ़ा दी है। पहाड़ी इलाकों में सड़कों के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। मौसम की इस अनिश्चितता के बीच, स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और कार्यालयों को बंद करने पर विचार शुरू कर दिया है ताकि किसी भी आपदा से बचा जा सके।

हिमाचल में सड़कों का बुरा हाल

हिमाचल प्रदेश में पहले से ही हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात को और जटिल बना दिया है। राज्य में 250 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। कई पर्यटक और स्थानीय लोग सड़कों पर फंसे हुए हैं, और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है। भारी बारिश के कारण कई नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। स्थानीय लोग और पर्यटक मौसम विभाग की चेतावनियों पर नजर रख रहे हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

मध्य भारत में भी बारिश का कहर

मध्य भारत, विशेष रूप से मध्य प्रदेश के सतना और चित्रकूट जैसे जिलों में भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर पानी भर जाने से आवागमन में भारी दिक्कतें हो रही हैं। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है, जिससे लोगों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने अगले चार से पांच दिनों तक मध्य और उत्तर-पश्चिमी भारत में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। यह स्थिति न केवल किसानों के लिए बल्कि शहरी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए भी चिंता का विषय बन रही है।

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