Haryana News : हरियाणा के नारनौल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ एक किसान को परेशान कर दिया, बल्कि बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए। एक साधारण किसान को एक दिन का बिजली बिल 78 लाख रुपये से ज्यादा का थमा दिया जाए! यह सुनकर किसी के भी होश उड़ जाएं। आखिर यह पूरा मामला क्या है? चलिए, इस अजीबोगरीब घटना की तह तक जाते हैं और समझते हैं कि एक छोटी सी गलती कैसे इतना बड़ा हंगामा खड़ा कर सकती है।
गांव कांटी का वह चौंकाने वाला बिल
नारनौल के कांटी गांव में रहने वाले सुरेश कुमार एक मेहनती किसान हैं। उन्होंने अपनी नावदी जमीन पर एक मकान बनाया, जिसमें पहले उनकी पत्नी पिस्ता देवी के नाम पर 2 किलोवाट का बिजली कनेक्शन था। कुछ दिन पहले ही सुरेश ने इस कनेक्शन का लोड बढ़वाकर 3 किलोवाट करवाया। उनका कहना है कि पुराना बिल, जो 2 किलोवाट का था, उन्होंने हाल ही में जमा किया था। वह बिल महज 1,717 रुपये का था, जो एक आम घरेलू बिल की तरह ही था। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने उनकी नींद उड़ा दी।
26 मार्च को उनके घर नया मीटर लगाया गया। अगले ही दिन, यानी 27 मार्च को बिजली विभाग का कर्मचारी रीडिंग लेने पहुंचा। रीडिंग लेने के बाद जो बिल बना, उसे देखकर सुरेश और उनके परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। बिल में 9 लाख 99 हजार 995 यूनिट बिजली खपत दिखाई गई थी, और इसके आधार पर कुल राशि बनी 78 लाख 21 हजार 363 रुपये! सुरेश के बेटे के फोन पर जब यह मैसेज आया, तो परिवार में हड़कंप मच गया।
एक दिन में 78 लाख का बिल कैसे?
सुरेश बताते हैं कि बिल में यह भी लिखा था कि अगर 7 अप्रैल 2025 तक यह राशि जमा नहीं की गई, तो ब्याज सहित 80.48 लाख रुपये चुकाने पड़ेंगे। एक साधारण किसान के लिए यह राशि किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। परेशान सुरेश अब इस गलती को सुधारने के लिए बिजली निगम के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है, "हम मेहनत-मजदूरी करके गुजारा करते हैं। इतना पैसा तो हमारी कई पीढ़ियां भी नहीं कमा सकतीं। यह बिल ठीक करना हमारी मजबूरी है।"
बिजली विभाग ने मानी गलती
इस मामले में दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के जूनियर इंजीनियर (जेई) नरेंद्र कुमार ने सफाई दी। उनका कहना है कि यह सब एक मानवीय भूल का नतीजा है। रीडिंग लेने वाले कर्मचारी ने गलती से नई रीडिंग की जगह पुरानी रीडिंग दर्ज कर दी, जिसके चलते सिस्टम ने अपने आप इतना भारी-भरकम बिल जेनरेट कर दिया। नरेंद्र ने भरोसा दिलाया कि किसान की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है और जल्द ही बिल को ठीक कर दिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
आम आदमी की परेशानी का सबक
यह घटना भले ही एक गलती का नतीजा हो, लेकिन यह बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर करती है। एक साधारण किसान को ऐसी परेशानी से गुजरना पड़े, यह सोचने वाली बात है। सुरेश जैसे लोग, जो अपनी मेहनत से जीवन चलाते हैं, उनके लिए यह अनुभव किसी सदमे से कम नहीं। उम्मीद है कि बिजली विभाग इस वादे पर खरा उतरेगा और भविष्य में ऐसी गलतियां दोबारा न हों।
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