– मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर गांधीनगर में आयोजित दो दिवसीय होम्योपैथी कॉन्फ्रेंस का किया शुभारंभ
-महात्मा मंदिर में आयोजित हुई होम्योपैथी प्रदर्शनी, देशभर के राज्यों के होम्योपैथी प्रैक्टिशनर्स हुए सहभागी
गांधीनगर, 10 अप्रैल . केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने गुरुवार को कहा कि गुजरात चिकित्सा विज्ञान के वैश्विक मानचित्र पर स्थान प्राप्त कर इतिहास रचने को तैयार है. आयुष मंत्रालय अंतर्गत सेंट्रल काउंसिल फॉर रीसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच), नेशनल कमिशन फॉर होम्योपैथी (एनसीएच) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (एनआईएच) के संयुक्त तत्वावधान में 10 व 11 अप्रैल को गुजरात विश्व के सबसे बड़े होम्योपैथी सम्मेलन का मेजबान बना है, जो गौरव समान है. इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय होम्योपैथी परिषद के उपक्रम द्वारा किया गया है, जिसमें देशभर के राज्यों के होम्योपैथी से जुड़े चिकित्सक, छात्र एवं होम्योपैथी में दिलचस्पी रखने वाले व्यक्ति-संगठन सहभागी होने वाले हैं.
केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री जाधव ने सभी को विश्व होम्योपैथी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. सैमुअल हैनिमैन की जयंती पर विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि सभी को भारत की होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर गर्व करना चाहिए. केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद ने औषधीय वनस्पतियाँ उगाने की ओर कदम बढ़ाए हैं. परिषद ने 368 दवाइयों पर फार्माकोग्नॉसी अध्ययन किया है, 362 दवाइयों पर भौतिक व रासायनिक अध्ययन तथा 151 औषधियों पर अध्ययन किया है, जिसके अंतर्गत तमिलनाडु के ऊटी में केन्दरीय अनुसंधान संस्थान में 17 हजार से अधिक हरबेरियम शीट्स तैयार की गई हैं और इन सभी शीट्स का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. इसके माध्यम से आने वाले भविष्य में वनस्पति ज्ञान को अधिक संरक्षित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि ‘रोग मुक्त भारत अभियान’ में आगामी समय में होम्योपैथी से उपचार को साथ रखकर कार्य करना होगा. इसमें होम्योपैथी डॉक्टरों, विद्यार्थियों, उद्योग जगत तथा देश के किसानों को भी हमारे साथ रखना जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को अन्नदाता कहकर उनका सम्मान बढ़ाया है. प्रधानमंत्री किसानों की सहायता के लिए सदा-सर्वदा तैयार रहते हैं. जाधव ने कहा,कि आज उद्योग जगत से जुड़े उद्योगपतियों से वे अनुरोध करते हैं कि हम सभी को इस संबंध में तत्व चिंतन करना चाहिए कि हम किसानों को साथ रखकर औषधीय खेती के जरिये उपचार के लिए किस प्रकार उनकी सहायता ले सकते हैं.
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने होम्योपैथिक को प्रिवेंटिव एवं प्राइमरी हेल्थकेयर को मजबूत हेल्थकेयर सिस्टम की रीढ़ बताते हुए स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से देश में होलिस्टिक हेल्थकेयर के वातावरण का निर्माण हुआ है, जिसके फलस्वरूप ट्रेडिशनल मेडिसीन के प्रति महत्व एवं आकर्षण बढ़े हैं. उन्होंने गुजरात में अल्टरनेटिव उपचार पद्धति को दिए जा रहे महत्व का विवरण देते हुए कहा कि देशभर के राज्यों में गुजरात ने 48 होम्योपैथी कॉलेजों के साथ शिक्षा तथा अनुसंधान क्षेत्र में अग्रसर राज्यों में स्थान प्राप्त किया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित महानुभावों के करकमलों से होम्योपैथी की 7 पुस्तिकाओं, 1 स्मारिका (सोवेनियर), होम्योपैथी से सम्बद्ध एक ई-पोर्टल तथा एक डॉक्यूमेंटरी का विमोचन किया गया.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि देश में महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक 48 होम्योपैथी कॉलेज गुजरात में हैं. हाल में 4360 अंडर ग्रेजुएट तथा 322 पोस्ट ग्रेजुएट सीटों के साथ राज्य में होम्योपैथी शिक्षा का उत्तम ढाँचा उपलब्ध है तथा लगभग 15 लाख रोगी होम्योपैथी चिकित्सा का लाभ ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी होम्योपैथी कॉलेजों में चर्म रोग, श्वसन तंत्र, जोड़ों के दर्द, महिला रोग सहित 11 प्रकार की स्पेशलिटी ओपीडी शुरू करने का निर्णय किया गया है. सिद्धपुर स्थित सरकारी होम्योपैथी कॉलेज तथा उसके वर्तमान 25 बेड के अस्पताल को आगामी समय में 100 बेड तक विस्तृत किया जाएगा. आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दो शताब्दी से अधिक समय से होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति द्वारा सटीक उपचार किया जा रहा है. इस क्षेत्र में सबसे अधिक कार्य भारत में हो रहा है. इस पद्धति में नवीन अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अनेक कॉलेजों में नए-नए अनुसंधान हो रहे हैं.
सेंट्रल काउंसिल फॉर रीसर्च इन होम्योपैथी के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने स्वागत संबोधन किया. कार्यक्रम के अंत में नेशनल कमिशन फॉर होम्योपैथी के इनचार्ज चेयरमैन डॉ. पिनाकिन त्रिवेदी ने आज्ञार ज्ञापन करते हुए सम्मेलन में सहयोग के लिए गुजरात सरकार का आभार व्यक्त किया. विश्व होम्योपैथी दिवस के उपलक्ष्य में महानुभावों द्वारा होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. सैमुअल हैनिमैन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई.
इस अवसर पर गुजरात के राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान के निदेशक डॉ. प्रलय शर्मा, आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव मोनालिसा दाश, होम्योपैथी की सलाहकार डॉ. संगीता दुग्गल तथा आयुष मंत्रालय से जुड़े चिकित्सक, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, प्राध्यापक, फार्मासिस्ट एवं विभिन्न होम्योपैथी कॉलेजों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
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/ बिनोद पाण्डेय
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