जम्मू, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । चन्दन षष्ठी व्रत प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट (पंजीकृत) के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री, ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष चन्दन षष्ठी व्रत 14 अगस्त 2025, गुरुवार को है। इसे हल षष्ठी, ललही छठ, बलदेव छठ, रंधन छठ, हलछठ, हरछठ व्रत, चन्दन छठ, तिनछठी या तिन्नी छठ के नाम से भी जाना जाता है। गुरुवार 14 अगस्त को चंद्रोदय रात्रि 10 बजकर 15 मिनट पर होगा।
जम्मू-कश्मीर में इस व्रत का विशेष महत्व है। इसे विवाहित एवं अविवाहित महिलाएं कर सकती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर विशेष रूप से सूर्य एवं चंद्रमा की पूजा करती हैं, कथा का पाठ या श्रवण करती हैं और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर भोजन करती हैं।
इस वर्ष चन्दन षष्ठी व्रत का उद्यापन (मोख) भी किया जा सकता है। मान्यता है कि यदि किसी व्रती ने चन्दन षष्ठी व्रत का उद्यापन कर लिया हो तभी वह अन्य किसी भी व्रत का उद्यापन कर सकती है। सबसे पहले इसी व्रत का उद्यापन करना आवश्यक माना गया है। मासिक धर्म की अवधि में स्त्रियों द्वारा स्पर्श-अस्पर्श, भक्ष्य-अभक्ष्य आदि से जुड़े दोषों के परिहार के लिए भी इस व्रत का उद्यापन किया जाता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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