इंदौर, 24 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी सुशील नथानियल का गुरुवार को जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले पार्थिव देह को अंतिम दर्शन और प्रार्थना सभा के लिए चर्च में रखा गया. इस दौरान परिजन, रिश्तेदार और दोस्तों के अलावा राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव समेत अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे.
पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में इंदौर शहर के वीणा नगर निवासी सुशील नथानियल की भी मौत हो गई थी. उनकी पार्थिव देह को बुधवार देर रात विमान से इंदौर लाया गया. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रात में इंदौर पहुंचकर नथानियल के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की और शोकाकुल परिवारजनों से मिलकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की.
गुरुवार सुबह अंतिम यात्रा से पहले सुशील के वीणा नगर स्थित उनके घर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. पत्नी जेनिफर उनके ताबूत से लिपटकर रोईं. पिता बदहवास नजर आए. सुशील की छोटी बुआ इंदु डावर की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे. कांपती आवाज में बस एक ही सवाल बार-बार पूछ रही थीं, ‘अब किसका इंतजार करूंगी मैं, बता मुझे. यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं. सुशील को श्रद्धांजलि देने के लिए मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला सहित कई राजनीतिक-सामाजिक हस्तियां पहुंचीं. इसके बाद सुशील की अंतिम यात्रा उनके घर से शुरू हुई. पार्थिव शरीर विशेष वाहन में नंदा नगर चर्च पहुंचाया गया. यहां प्रार्थना के बाद कब्रिस्तान के लिए रवाना हुआ, जहां उनका अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज से किया गया. जूनी इंदौर कब्रिस्तान में परिजन, रिश्तेदार और साथियों ने सुशील नथानियल के अंतिम दर्शन किए. फिर ताबूत को ईसाई रीति रिवाज के साथ कब्र में रखा गया. परिजनों ने मिट्टी दी. कब्र में मिट्टी डालते हुए सुशील की पत्नी जेनिफर फूट-फूटकर रोने लगीं. बेटे ऑस्टिन गोल्डी ने उन्हें संभाला.
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि यह दुखद घटना है. पूरा देश सुशील के परिवार के साथ है. यह समय एकजुटता का है. मैं मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की तरफ से उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं.
सुशील नथानियल आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे. वे चार दिन पहले ही 21 वर्षीय बेटे ऑस्टिन गोल्डी, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर के साथ कश्मीर गए थे. सुशील के भाई विकास ने बताया कि आतंकवादियों ने पहले सुशील को घुटनों पर बैठाया, फिर उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया. जब उन्होंने अपना धर्म ईसाई बताया, तब आतंकवादियों ने उन्हें गोलियां मार दी. आकांक्षा को पैर में गोली लगी है. घटना से पहले सुशील ने अपनी पत्नी को छिपा दिया था और स्वयं आतंकवादियों के सामने खड़े हो गए थे. जेनिफर खातीपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं. घायल आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्स्ट क्लास ऑफिसर, जबकि ऑस्टिन गोल्डी बैडमिंटन खिलाड़ी है. परिवार मूल रूप से जोबट का रहने वाला है.
बुधवार देर रात सुशील का पार्थिव शरीर इंदौर पहुंचा तो मुख्यमंत्री डॉ. यादव एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. वे सुशील के घर भी गए और उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवंगत सुशील के परिजनों से मिलकर हमारा मन द्रवित हो गया है, बेहद दुखी हो गया है. सुशील की पत्नी ने बताया कि गोली मारने के पहले उनके पति को कलमा पढ़ने को कहा गया, जब उन्होंने बताया कि वो क्रिश्चियन है तो उन्हें गोली मार दी गई. दुख की इस घड़ी में हमारी पूरी सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है. उन्होंने परिजनों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि दुख और शोक की इस घड़ी में न केवल प्रदेश अपितु पूरा देश उनके साथ है. उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.———–
तोमर
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