– जल शक्ति अभियान के तहत 1.29 लाख से अधिक संरचनाओं का किया निर्माण
खण्डवा, 01 जून . भारत सरकार के जल शक्ति अभियान: कैच द रेन के तहत शुरू की गई “जल संचय, जन भागीदारी” पहल में खण्डवा जिले ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल प्रबंधन के समग्र दृष्टिकोण के तहत इस अभियान का उद्देश्य वर्षा जल संचयन और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है, जिसका मंत्र है “जहां गिरे, जब गिरे – वर्षा का जल संचित करें.”
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने रविवार को बताया कि खण्डवा जिले में इस अभियान के अंतर्गत मनरेगा, 15वां वित्त आयोग, 5वां वित्त आयोग, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व और विशेष रूप से जनसहयोग के माध्यम से 1,29,046 से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण और पंजीकरण किया गया है. इनमें 12,750 रिचार्ज पिट, 1,500 रिचार्ज शाफ्ट, 23,570 डगवेल, 5,780 बोल्डर चेकडैम, 1,256 बोल्डर वॉल, 3,960 बोरी बंधान, 7,455 पत्थर/मिट्टी के फील्ड बंधान, 5,500 गली प्लग, 3,269 नाला ट्रेंच, 6,528 हैंडपंप रिचार्ज, 39,000 रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग, 58 चेकडैम/स्टॉपडैम/तालाब, 4,800 पोखर तालाब, 2,275 ड्रेन वर्क, 1,500 खेत तालाब, 68 कंटूर ट्रेंच, 750 सूखे बोर रिचार्ज, 2,462 जीर्णोद्धार कार्य और 6,560 अन्य जल संरक्षण संरचनाएं शामिल हैं. इसी के साथ खंडवा केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की रैंकिंग सूची में नंबर वन रहा है.
उन्होंने बताया कि यह अभियान 6 सितंबर 2024 को जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग द्वारा शुरू किया गया.यह कम लागत और वैज्ञानिक तरीकों से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. इसका मुख्य लक्ष्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जल संकट और भूजल ह्रास जैसी चुनौतियों का समाधान करना है. खण्डवा जिले ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें न केवल भूजल स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि वर्षा जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित कर भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा को मजबूत किया गया है.
उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान के तहत खण्डवा में निर्मित संरचनाएं जैसे बोरवेल रिचार्ज सिस्टम, रूफटॉप वर्षा जल संचयन, और जलाशयों का पुनरुद्धार, दीर्घकालिक और सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा दे रही हैं. जिला प्रशासन, स्थानीय समुदायों, और विभिन्न संगठनों के सहयोग से यह अभियान जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन बन गया है. खण्डवा जिले के इन प्रयासों ने न केवल जल संरक्षण के क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सामुदायिक भागीदारी और सरकारी पहल के समन्वय से जल संकट का समाधान संभव है. यह अभियान पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहा है, जो यह दर्शाता है कि हर बूंद अनमोल है और इसे संरक्षित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.
तोमर
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