– रोमिल ने 27वीं तथा शुभम ने 116वीं रैंक के साथ यूपीएससी में पाई सफलता
रीवा, 22 अप्रैल . संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा सर्विसेज का अंतिम परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया गया. इसमें विभिन्न संवर्गों में युवाओं का चयन हुआ है. रीवा के रोमिल द्विवेदी ने 27वीं रैंक तथा शुभम शुक्ला ने 116वीं रैंक के साथ यूपीएससी में सफलता पाई है. दोनों की प्रारंभिक शिक्षा रीवा में ही संपन्न हुई है. संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के क्षितिज पर रीवा के दो सितारे चमक रहे हैं. विन्ध्य के दो युवाओं ने अपनी प्रतिभा, लगन और परिश्रम से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता की चमक बिखेरी है.
रोमिल द्विवेदी ने यूपीएससी की परीक्षा में 27वीं रैंक प्राप्त की है. रोमिल को पिछले वर्ष भी यूपीएससी में सफलता मिली थी. वर्तमान में रोमिल इंडियन रेलवे में कार्यरत हैं. रोमिल के पिता केके द्विवेदी सहकारिता विभाग में उपायुक्त के पद पर वर्तमान में भोपाल में कार्यरत हैं. उनकी माता आशा द्विवेदी गृहणी हैं. उनके चाचा प्रकाश द्विवेदी संभागीय पेंशन कार्यालय में सहायक संचालक के पद पर कार्यरत हैं. रोमिल का परिवार मूल रूप से रीवा जिले के जवा तहसील के पुरौना गांव का निवासी है. रीवा में बोदाबाग में भी उनका पारिवारिक आवास है.
रोमिल बचपन से ही प्रतिभाशाली हैं. उनके चाचा प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि रोमिल की प्रारंभिक शिक्षा बाल भारती स्कूल में हुई. उन्होंने शेष स्कूली शिक्षा डीपीएस भोपाल से पूरी की. इसके बाद रोमिल ने मेनिट भोपाल से बीटेक की उपाधि प्राप्त की. उनके पिता केके द्विवेदी ने बताया कि रोमिल ने किसी कोचिंग संस्थान से प्रशिक्षण नहीं लिया. उन्होंने स्वयं ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की.
शुभम शुक्ला ने यूपीएससी में 116वीं रैंक के साथ सफलता प्राप्त की है. शुभम वर्तमान में भारतीय खेल विकास प्राधिकरण में सहायक संचालक के पद पर कार्यरत हैं. शुभम का परिवार रीवा में उर्रहट मोहल्ले में निवासरत है. शुभम के पिता अजय शुक्ला व्यवसायी हैं तथा उनकी माता संगीता शुक्ला गृहणी हैं. शुभम की भी प्रारंभिक शिक्षा बाल भारती स्कूल रीवा से हुई है. इसके बाद उन्होंने आईईटी डीएव्हीव्ही इंदौर से सिविल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की.
उनके पिता अजय शुक्ला ने बताया कि शुभम स्कूली शिक्षा के दौरान भी टापर रहे. उनके दादा उसे सिविल इंजीनियर बनाना चाहते थे. शुभम की शुरू से ही रूचि सिविल सर्विसेज में थी. शुभम की बहन शिवानी ने बताया कि शुभम ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. उसके मित्र हर्षवर्धन सिंह का बहुत सहयोग रहा. शुभम की सफलता से पूरा परिवार बहुत खुश है.
उनके मित्र तथा वर्तमान में उमरिया में जनसंपर्क अधिकारी अरूणेन्द्र सिंह ने बताया कि शुभम शुक्ला ने यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में चार बार सफलता प्राप्त की. उन्हें तीन बार साक्षात्कार में भी सफलता मिली. अपने अंतिम प्रयास में उनका 116वीं रैंक के साथ चयन हुआ है. शुभम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और दीदी शिवानी शुक्ला को दिया है. यूपीएससी की तैयारी में शुभम को सबसे अधिक सहायता और सहयोग हर्षवर्धन सिंह से मिला. हर्षवर्धन का दो वर्ष पूर्व भारतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ. उनके पिता रीवा में संयुक्त कलेक्टर थे. हर्षवर्धन अपना विभागीय प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कर्नाटक में पदस्थापना स्थल में नवीन पदभार ग्रहण करने जा रहे थे. दुर्भाग्य से सड़क दुर्घटना में उनकी दुखद मौत हो गई थी. अरूणेन्द्र सिंह ने बताया कि शुभम शुरू से ही प्रशासनिक अधिकारी बनने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प से प्रयास कर रहे थे. उनके संकल्प को अंतत: सफलता मिल गई है. सिंह ने इस सफलता के लिए शुभम को बधाई दी है.
तोमर
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