मुंबई, 07 अप्रैल . भारतीय नौसेना का त्रिशक्ति नारी नाविक अभियान ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ सोमवार को मुंबई के कोलाबा में स्थित जलयात्रा प्रशिक्षण केंद्र से शुरू हुआ. कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (सीएमई) के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एके रमेश ने मुंबई-सेशेल्स-मुंबई त्रिशक्ति नारी नाविक अभियान ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना के 12 सदस्यीय महिला चालक दल के साथ यह अभियान आईएएसवी त्रिवेणी पर सवार होकर निकला है, जो 4,000 समुद्री मील की चुनौतीपूर्ण 55 दिवसीय यात्रा करके मुंबई लौटेगा.
नौसेना के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य समुद्री प्रयासों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है. कुल 41 में से चुनी गई बारह महिला अधिकारियों को दो साल तक समुद्री नौकायन का कठोर प्रशिक्षण दिया गया है. वे समुद्र में जोखिमपूर्ण नौकायन करने के लिए तैयार हैं, जहां वे अपनी साहस और दृढ़ संकल्पता का प्रदर्शन करेंगी. चालक दल ने कई प्रशिक्षण अभियान शुरू किए हैं, जिनमें वे मौसम की चुनौतियों, नौका की यांत्रिक समस्याओं और शारीरिक थकावट के बावजूद सफल हुए हैं. मुंबई-सिशेल्स-मुंबई अभियान न केवल सशस्त्र बलों में महिलाओं के सशक्तीकरण का प्रतीक है, बल्कि रानी वेलु नचियार, रानी दुर्गावती और रानी लक्ष्मीबाई जैसी भारत की महान योद्धा रानियों को भी श्रद्धांजलि देता है, जिनके कार्य पीढ़ियों को प्रेरित करते रहे हैं.
इस ऐतिहासिक यात्रा का समापन 30 मई को ध्वजारोहण समारोह के साथ आयोजित किया जाएगा. यह अभियान समुद्री प्रयासों में समावेशिता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. यह अभियान साबित करता है कि नारी शक्ति एक अजेय शक्ति है, जो किसी भी चुनौती पर विजय प्राप्त करने में सक्षम है.
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यादव
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