जमशेदपुर में कभी सिटी बसें शहर यातायात का मुख्य साधन हुआ करती थीं। 2010 में 50 नई बसें खरीदी गईं, लेकिन रख-रखाव की कमी और प्रबंधन की लापरवाही के कारण ये बसें जर्जर हो गईं।
❖ बसों की खराब हालत और वापसीझारखंड पर्यटन विकास निगम ने नुकसान के चलते इन बसों को वापस कर दिया। 2017 से ही इन बसों का फिटनेस और इंश्योरेंस फेल था, जिससे उनकी संचालन क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित हुई।
❖ कंडम की घोषणा2022 में बसों को कंडम घोषित किया गया, यानी इन्हें संचालन योग्य नहीं माना गया। इसके बाद इनका कोई उपयोग नहीं हो सका और बसें धीरे-धीरे स्थानीय डिपो में जर्जर हालत में पड़ी रहीं।
❖ नीलामी की तैयारीअधिकारियों ने अब फैसला किया है कि इन बसों को कबाड़ के रूप में नीलाम किया जाएगा। नीलामी से होने वाली राशि को निगम के अन्य संचालन खर्चों में उपयोग किया जाएगा।
❖ विशेषज्ञों की रायविशेषज्ञों का कहना है कि सिटी बसों की खराब स्थिति और रख-रखाव में लापरवाही ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कमजोर किया है। यदि समय रहते रख-रखाव और बीमा सुनिश्चित किया गया होता तो ये बसें लंबे समय तक शहरवासियों की सेवा कर सकती थीं।
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