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मौत सामने खड़ी थी, लेकिन डरा नहीं मेरा बेटा… बोलकर फफक पड़े शुभम के पिता

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए कानपुर के शुभम द्विवेदी ने अपने बेटे की बहादुरी को सलाम किया है। उन्होंने कहा कि मौत उनके सामने है, लेकिन मेरा बेटा डरता नहीं है। वह हिंदू थे, इसलिए बिना किसी डर के उन्होंने आतंकवादियों को बताया कि वह हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा मरा नहीं, बल्कि शहीद हुआ है। शुभम द्विवेदी का अंतिम संस्कार करते समय उनके पिता रो पड़े। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व है। शुभम का अंतिम संस्कार गुरुवार को देवरी घाट पर किया गया।

इस दौरान बड़ी संख्या में शहर के लोग मौजूद थे। शुभम की चिता को मुखाग्नि देते समय उसके पिता संजय द्विवेदी रो पड़े। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने उनके खून का सम्मान बरकरार रखा है। आतंकवादियों का सामना करने के बावजूद वे अपने धर्म पर अडिग रहे। भले ही उसे इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़े। शुभम के पिता की हालत देख विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान, पूर्व मंत्री अनंत मिश्र अंटू आदि ने उन्हें सांत्वना दी।

शुभम अपनी पत्नी के साथ पहलगाम गया था।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे की शहादत ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे परिवार को अमर कर दिया है। आपको बता दें कि शुभम द्विवेदी अपने परिवार और दोस्तों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उनके समूह में कुल 11 लोग गये थे। उन्हें 23 अप्रैल को लौटना था, लेकिन उससे पहले ही शुभम आतंकवादी हमले का शिकार हो गया। घटना के समय परिवार के बाकी सदस्य होटल में थे, लेकिन शुभम अपनी पत्नी ऐशन्या के साथ मौज-मस्ती और घुड़सवारी करने के लिए पहलगाम गया हुआ था।

शुभम का पार्थिव शरीर विशेष विमान से पहुंचा
जहां आतंकवादियों ने उनकी पत्नी ऐशन्या के सामने ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। गुरुवार को शुभम के जीजा उसका पार्थिव शरीर विशेष विमान से लखनऊ लेकर आए। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शुभम को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए देवरी घाट ले जाया गया। आपको बता दें कि मंगलवार को पहलगाम में आधा दर्जन आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया था। आतंकवादियों ने सभी पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और उनसे कलमा पढ़ने को कहा। जो भी कुरान नहीं पढ़ पाता था, आतंकवादियों ने उसके सिर पर बंदूक रख दी और गोली मार दी।

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