मुंबई की क्राइम ब्रांच यूनिट-6 ने नौकरी दिलाने के नाम पर किए गए एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक नकली पुलिसकर्मी भी शामिल है।
शिकायत और जांचपुलिस को इस फर्जीवाड़े की जानकारी माहुल महाडा कॉलोनी, चेंबूर निवासी एक व्यक्ति द्वारा दी गई थी। शिकायत में बताया गया कि आरोपियों ने उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की।
क्राइम ब्रांच ने तुरंत जांच शुरू की और मामले की गहन जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों की पहचान-
तीनों आरोपियों में से एक नकली पुलिसकर्मी के रूप में लोगों को भ्रमित कर उन्हें डराने-धमकाने और फर्जी आश्वासन देने का आरोप है।
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बाकी दो आरोपियों ने नौकरी दिलाने के बहाने लोगों से धनराशि वसूली की।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए गए हैं। आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि उन्होंने कई अन्य व्यक्तियों को भी नौकरी दिलाने के झांसे में फंसाया था।
क्राइम ब्रांच अधिकारियों का कहना है कि नकली पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी इस मामले को और गंभीर बनाती है, क्योंकि इसका असर सामाजिक विश्वास और सुरक्षा पर पड़ता है।
चेतावनी और आगे की जांचपुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध नौकरी या ठगी के मामलों में सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की रकम अज्ञात व्यक्तियों को न दें। पुलिस अब इस गिरोह की संपूर्ण गिरोह संरचना और अन्य शिकारों की पहचान करने के लिए विस्तृत जांच कर रही है।
सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोणविशेषज्ञों का कहना है कि नौकरी और रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों से न केवल आम लोगों की आर्थिक सुरक्षा खतरे में आती है, बल्कि यह सामाजिक विश्वास और कानून व्यवस्था पर भी असर डालता है।
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