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भारत के इस गुरूद्वारे पर पाकिस्तान के बम भी हो गए थे फुस्से, वीडियो में देखें इसकी ऐतिहासिक कहानी

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भारत की धरती पर कई ऐसे पवित्र स्थल हैं, जो सिर्फ धर्म का ही नहीं बल्कि देशभक्ति का भी प्रतीक बन चुके हैं। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में स्थित गुरुद्वारा बुर्ज सिद्धू भी उन्हीं में से एक है। इस गुरुद्वारे से जुड़ी एक ऐसी ऐतिहासिक घटना है, जिस पर आज भी लोग गर्व करते हैं — जब पाकिस्तान ने इस गुरुद्वारे को बम से उड़ाने की कोशिश की, लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम हो गईं। यह कहानी सिर्फ एक चमत्कार की नहीं, बल्कि आस्था और देशभक्ति की गहरी मिसाल है।

1971 के युद्ध में बना आस्था का गढ़

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जब सीमा पर भयंकर लड़ाई चल रही थी, तब पाकिस्तान ने श्रीगंगानगर के कई इलाकों को टारगेट किया था। पाकिस्तानी सेना ने गुरुद्वारा बुर्ज सिद्धू पर भी हमला करने के इरादे से बम गिराए थे। लेकिन चमत्कार देखिए —
गुरुद्वारे के ऊपर गिरे बम या तो फटे ही नहीं या जमीन पर गिरते ही निष्क्रिय हो गए। स्थानीय लोगों और सैनिकों ने इसे ईश्वर की विशेष कृपा माना। कहा जाता है कि गुरुद्वारे पर गुरु महाराज का ऐसा आशीर्वाद था कि दुश्मन की सारी ताकत भी उसे हिला नहीं सकी।

क्यों नहीं फटे बम?

इस घटना को लेकर कई तरह की बातें प्रचलित हैं। कुछ लोग इसे महज संयोग मानते हैं, जबकि ज्यादातर लोग इसे गुरुओं की कृपा बताते हैं। जिस समय यह हमला हुआ था, गुरुद्वारे में निरंतर कीर्तन और अरदास चल रही थी। सैनिकों ने भी बाद में स्वीकारा कि गुरुद्वारे की पवित्रता ने पूरे इलाके को एक अदृश्य सुरक्षा कवच प्रदान कर दिया था। आज भी गुरुद्वारे में उस समय के कुछ बमों के अवशेष सुरक्षित रखे गए हैं, जिन्हें देखकर लोग उस चमत्कार को याद करते हैं।

सेना के जवानों का गहरा विश्वास

आज भी भारतीय सेना के जवान इस गुरुद्वारे में आकर आशीर्वाद लेते हैं। युद्ध हो या कोई बड़ा ऑपरेशन, जवान यहां माथा टेककर विजय की कामना करते हैं। उनका मानना है कि यहां की पवित्रता उन्हें अजेय शक्ति प्रदान करती है। गुरुद्वारा बुर्ज सिद्धू अब सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय जज्बे और जिद का प्रतीक बन चुका है।

स्थानीय लोगों की आस्था

गुरुद्वारे से जुड़े स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि यह स्थान गुरु महाराज की विशेष कृपा से सुरक्षित है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग प्रार्थना करने आते हैं, खासकर सैनिक परिवारों की महिलाएं और बच्चे, जो अपने अपनों की सलामती के लिए दुआ मांगते हैं।
लंगर, सेवा और निःस्वार्थ भक्ति की मिसाल आज भी यहां देखने को मिलती है।

वीडियो में देखें ऐतिहासिक कहानी

अगर आप इस अद्भुत और गर्व भरी घटना को देखना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा तैयार किया गया वीडियो जरूर देखें। इसमें आपको 1971 के युद्ध से जुड़ी दुर्लभ कहानियां, गुरुद्वारे का अद्भुत इतिहास और जवानों की आस्था की झलक मिलेगी।

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