जिला अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब असामाजिक तत्वों ने आईसीयू वार्ड की ऑक्सीजन पाइपलाइन का कनेक्शन अचानक बंद कर दिया। इससे वार्ड में ऑक्सीजन का प्रेशर अचानक कम हो गया, जिससे गंभीर हालत में भर्ती बच्चों की जान खतरे में पड़ गई।
तुरंत प्रतिक्रिया और बच्चों की सुरक्षासिविल सर्जन डॉ. खरे ने स्थिति की गंभीरता तुरंत समझी और तत्काल कार्यवाही करते हुए मात्र 4 मिनट के भीतर ऑक्सीजन सप्लाई को पुनः चालू करवा दिया। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और नेतृत्व से बच्चों की जान सुरक्षित रही।
वार्ड में स्थितिआईसीयू वार्ड में गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति बेहद महत्वपूर्ण होती है। पाइपलाइन के कनेक्शन बंद होने के कारण बच्चों की हालत अस्थायी रूप से गंभीर हो गई थी, लेकिन डॉ. खरे की सजगता और अनुभव ने तुरंत समस्या का समाधान किया।
असामाजिक तत्वों की कार्रवाईअस्पताल प्रशासन ने बताया कि यह घटना किसी असामाजिक तत्वों की जानबूझकर की गई हरकत के कारण हुई। पुलिस को मामले की सूचना दी गई है और संभावित आरोपी की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
सुरक्षा और भविष्य की तैयारीअस्पताल ने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिक्योरिटी और निगरानी प्रणाली को और सख्त किया जाएगा। आईसीयू और अन्य संवेदनशील विभागों में ऑक्सीजन पाइपलाइन के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है।
समाज और विशेषज्ञों की रायस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस घटना को गंभीर बताया और कहा कि अस्पताल जैसी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा और सतर्कता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन को सलाह दी कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए सिक्योरिटी कैमरे और अलर्ट सिस्टम जरूरी हैं।
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