लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों और राष्ट्रीय मुद्दों पर अनावश्यक राजनीति से बचें। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, तब हमें यह समझना चाहिए कि हमारी राजनीतिक बयानबाजी से भारत की वैश्विक छवि पर क्या असर पड़ रहा है। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए चिराग ने कहा, "राष्ट्रीय विषयों पर जितनी राजनीति करनी है कीजिए, लेकिन ऐसे मुद्दों पर, जहां अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को देखा जा रहा है, वहां विवाद पैदा करना उचित नहीं है।"
कांग्रेस पर हमला: अपनी ही पार्टी के नेताओं पर शककांग्रेस पर तंज कसते हुए चिराग पासवान ने कहा कि आज पार्टी खुद नहीं समझ पा रही है कि उसमें कौन ‘में’ है और कौन ‘का’। उन्होंने कहा, "अगर आपको अपने ही नेताओं पर शक है, तो उन्हें पार्टी में रखने का क्या तुक है? जब आप अंतरराष्ट्रीय विषयों पर भी अपने नेताओं पर भरोसा नहीं कर सकते, तो भारत की कैसी छवि पेश करेंगे?" उन्होंने दावा किया कि विपक्षी पार्टियों में आंतरिक गुटबाजी हावी है। काबिल नेताओं को पीछे धकेला जा रहा है और चाटुकारिता करने वालों को प्राथमिकता दी जा रही है। चिराग ने यह भी कहा कि विपक्ष को काबिल नेताओं से डर लगता है कि कहीं वे नेतृत्व से आगे न निकल जाएं।
प्रतिनिधिमंडल विवाद और संसदीय परंपराविपक्षी नेताओं द्वारा यह कहे जाने पर कि प्रतिनिधिमंडल में उनके नेताओं के नाम नहीं लिए गए, चिराग ने कहा कि यह पूरी तरह संसदीय प्रणाली का हिस्सा है। कई बार ऐसा होता है कि कुछ नाम लिए जाते हैं और कुछ नहीं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार सभी दलों को साथ लेकर चलने की कोशिश करती है।
राहुल गांधी को नसीहतलोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के बिहार दौरे पर चिराग ने कहा कि यह अच्छी बात है कि राहुल को बिहार याद आया। मगर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "राहुल गांधी को यह नहीं भूलना चाहिए कि बिहार में कई वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही है। उस समय जो कार्य वे नहीं कर पाए, अब उन्हें करने की बात कर रहे हैं, यह अच्छा संकेत है।"
बिहार के भविष्य को बताया ‘स्वर्णिम काल’बिहार में पलायन की समस्या पर बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है और आने वाले पांच साल बिहार के लिए स्वर्णिम काल सिद्ध होंगे। लालू यादव के लिए सम्मान, पर नीतियों से असहमति राजद सुप्रीमो लालू यादव को लेकर पूछे गए एक सवाल पर चिराग ने कहा, "वे मेरे लिए पिता तुल्य हैं। अगर कोई उन्हें अपशब्द कहता है, तो सबसे पहले मैं उसके खिलाफ खड़ा होऊंगा। हां, उनकी नीतियों से मेरा विरोध है और उसी आधार पर मैं जनता के बीच जाता हूं।"
निष्कर्षचिराग पासवान के बयान यह स्पष्ट संकेत देते हैं कि वे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को लेकर चिंतित हैं और विपक्ष को अपनी राजनीतिक मर्यादा में रहने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही, उन्होंने बिहार की राजनीतिक स्थिति और विकास के भविष्य को लेकर भी सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है।
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