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बैटरी कवर, ऐड-ऑन से लेकर प्रीमियम तक; EV इंश्योरेंस लेने से पहले जान लें ये 5 जरूरी बातें

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देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग स्थिर बनी हुई है। नये मॉडल तेजी से लांच किये जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 5 वर्षों में यह बाजार और भी बड़ा हो जाएगा। पॉलिसी बाजार के आंकड़ों के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बेची गई बीमा पॉलिसियों की हिस्सेदारी में तेजी से वृद्धि हुई है, जो पिछले 3 वर्षों में 16 गुना बढ़ गई है। नए या पुराने इलेक्ट्रिक वाहनों का बीमा कराते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए, अन्यथा नुकसान बहुत बड़ा होगा और समय और धन की बर्बादी होगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों (ई.वी.) से जुड़े जोखिम।

इलेक्ट्रिक वाहनों के जोखिम पेट्रोल-डीजल वाहनों से भिन्न हैं। इससे चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करते समय आग लगने, शॉर्ट सर्किट या अन्य कारणों से दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसके अलावा ईवी की बैटरी खराब होने की भी समस्या रहती है, आपको बता दें कि हर ईवी में बैटरी सबसे महंगा पार्ट होता है। बीमा कंपनियां इन चिंताओं को दूर करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई पॉलिसियां पेश कर रही हैं, जो इन समस्याओं के लिए बीमा कवरेज प्रदान करती हैं।

बीमा में ये ऐड-ऑन करें

शून्य मूल्यह्रास, सड़क किनारे सहायता, बैटरी सुरक्षा और चार्जर कवर जैसे ऐड-ऑन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक हो गए हैं। ये आमतौर पर बैटरी चोरी या आग लगने की स्थिति में बहुत उपयोगी होते हैं।

यह ऐड-ऑन तभी वैध है जब EV 5 वर्ष से अधिक पुराना न हो। यदि आप ऐसे बाढ़-प्रवण क्षेत्र में रहते हैं, तो बैटरी को पानी से नुकसान पहुंचने का खतरा है, जिससे बचने के लिए बीमा कवर की आवश्यकता होती है। बीमा लेने के अलावा आपको अपनी कार का ध्यान रखना भी जरूरी है, नियमित सर्विस से कार की लाइफ अच्छी रहती है और सड़क पर खराब नहीं होती।

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