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भारत-पाक के बीच Ceasefire के बाद क्या-क्या हुआ, एक आर्टिकल में जानें सबकुछ...

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इंटरनेट डेस्क। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम और सीजफायर लाने के लिए सहमति बनने के एक दिन बाद सीमावर्ती राज्यों में सापेक्षिक शांति कायम हो गई। यह संघर्ष 7 मई को नई दिल्ली द्वारा ;ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक अधिकृत कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद शुरू हुआ था। युद्ध विराम समझौते की घोषणा शनिवार को की गई थी, लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान द्वारा उल्लंघन की खबरें आने लगीं। भारतीय सशस्त्र बलों ने हर प्रयास को विफल कर दिया और सतर्क रहे। शनिवार रात करीब 10:30 बजे के बाद शांति कायम हो गई, जो कुछ ड्रोन देखे जाने को छोड़कर बरकरार रही। रविवार को भी सबकुछ सामान्य ही रहा हालांकि बीच-बीच में ड्रोन देखे जाने की खबरें जरूर आईं लेकिन सबकुछ सामान्य बना रहा।


स्थिति काफी हद तक शांतिपूर्ण

जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक की सीमाओं पर स्थिति काफी हद तक शांतिपूर्ण रही। राजस्थान के बाड़मेर में कुछ स्थानों पर ड्रोन देखे जाने से शांति भंग हुई, जहां पहले से ही एहतियातन ब्लैकआउट लागू था। एहतियात के तौर पर पंजाब के कई जिलों में भी इसी तरह की ब्लैकआउट की घोषणा की गई।

कड़ी सुरक्षा के बीच बाजार खुले:

पिछले कुछ दिनों में लगातार मिसाइल और ड्रोन हमलों से प्रभावित अधिकांश स्थानों पर बाजार खुले और जनजीवन सामान्य हो गया। पंजाब में सोमवार से धीरे-धीरे स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान फिर से खुलने लगेंगे, जबकि कुछ जिलों ने एक और दिन के लिए बंद करने की घोषणा की है।

सशस्त्र बलों की मीडिया ब्रीफिंग

भारतीय सशस्त्र बलों ने मीडिया को ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तान के साथ हुई झड़पों के बारे में जानकारी दी। बलों ने कहा कि शुरुआती हमले में सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें कुछ बड़े नाम भी शामिल थे। भारत के पास पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद सहित कई एयरबेस और सैन्य प्रतिष्ठान भी हैं। नौसेना ने कहा कि वे जरूरत पड़ने पर कराची पर हमला करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सेना ने कहा कि अगर पाकिस्तान रविवार को फिर से संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करता है तो वे तैयार हैं।

ट्रंप की कश्मीर मध्यस्थता की पेशकश

इससे पहले दिन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। उन्होंने तनाव कम करने के लिए दोनों सरकारों को बधाई भी दी। पाकिस्तान ने प्रस्ताव का स्वागत किया लेकिन भारत ने इसे खारिज किया।

PC :educationpost.in

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