इंटरनेट डेस्क। पितृ पक्ष को बहुत ही विशेष माना गया है। इस समय हमारे पूर्वज आते हैं और उनका श्राद्ध किया जाता हैं। यह श्राद्ध गया जी में किया जाए तो मान्यता है कि वहां करने से तर्पण, पिंडदान सफल होते हैं। गया जी को मोक्ष भूमि कहा गया है, कहते हैं पितृ पक्ष में जो यहां पिंडदान, तर्पण करता है उनके पूर्वजों के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं, लेकिन गया जी में श्राद्ध करने के बाद घर आकर कुछ विशेष काम जरुर करने चाहिए तभी श्राद्ध फलित होते हैं।
क्या करना चाहिए
गया जी में श्राद्ध करने के बाद घर लौटने पर पितरों के नाम से श्राद्ध (भोजन) गया भोज आयोजित करें। इसमें ब्राह्मणों, ज़रूरतमंदों और अपने गोत्र के लोगों को भोजन कराएं।
गया जी में श्राद्ध कर घर वापस आने के बाद सत्यनारायण कथा का पाठ करवाना चाहिए, इससे परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करवा सकते हैं।
गया जी में श्राद्ध के दौरान पितृ स्मरण, सात्विक भोजन, ब्रह्मचर्य, और जमीन पर सोना चाहिए, शास्त्रों के अनुसार, गया जी में श्राद्ध करने के बाद भी अपने पितरों की तिथि पर तर्पण और श्राद्ध नहीं छोड़ना चाहिए।
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