नई दिल्ली। पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को 26 लोगों के नरसंहार के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच 8 और 9 मई की रात तगड़ा संघर्ष भी हुआ। जिसमें पाकिस्तान की सेना और वायुसेना को भारत की सेना और वायुसेना ने तगड़ी चोट पहुंचाई। पाकिस्तान के लिए ऑपरेशन सिंदूर जोरदार झटके की तरह रहा है। जबकि, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से बहुत कुछ हासिल किया। जानिए भारत को ऑपरेशन सिंदूर से क्या मिला?
आतंकियों के साथ समर्थकों को भी बनाया निशाना
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया। इन ठिकानों से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाने के साथ ही दहशतगर्दों को प्रशिक्षण देते थे। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में गहरे तक हमला किया। ये दिखाया कि हममें ये इच्छाशक्ति है कि दुश्मन के साथ टकराव की शर्तें बदल दें। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से उस धारणा को भी खत्म किया कि आतंकियों और उनके समर्थकों में अंतर होता है। दोनों को ही भारत ने निशाना बनाया। पास के पीओके के अलावा पाकिस्तान में सैकड़ों किलोमीटर दूर तक हमले किए गए। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के उस पंजाब प्रांत को निशाना बनाया, जिसे वहां की सेना का रणनीतिक गढ़ माना जाता है।
पाकिस्तान का हर हिस्सा पहुंच में
भारत ने बहावलपुर जैसे संवेदनशील आतंकी ठिकाने पर हमला किया। इस जगह अमेरिका भी ड्रोन से हमले नहीं कर सका है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने साफ कर दिया कि अगर आतंकी पाकिस्तान की धरती से पनपता है, तो न तो एलओसी और न ही पाकिस्तान का आंतरिक भूगोल उसके लिए कुछ सीमित करता है। भारत ने दिखाया कि पाकिस्तान का हर हिस्सा उसकी पहुंच में है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से संतुलित प्रतिरोध का सैद्धांतिक बदलाव दिखाया। ऑपरेशन सिंदूर ने वो लाल रेखा खींची है, जिसे पाकिस्तान अब अनदेखा नहीं कर सकता। पहली बार भारत ने आतंकियों और उनके प्रायोजकों के बीच अंतर को खारिज किया। ऑपरेशन सिंदूर ने उस चली आ रही धारणा को खत्म किया कि पाकिस्तान के भीतर कुछ दुष्ट लोग दंड से मुक्त होकर आतंकी गतिविधियां कर सकते हैं।
पाक की वायु रक्षा प्रणाली की तहस-नहस
ऑपरेशन सिंदूर से भारतीय सेना ने दिखाया कि पाकिस्तान के वायु रक्षा ग्रिड को किस तरह बाइपास या जाम किया जा सकता है। आतंकी ठिकानों पर 23 मिनट में किए हमलों ने पाकिस्तानकी वायु रक्षा प्रणाली की पोल भी खोल दी। वहीं, स्कैल्प मिसाइलों और हैमर बमों से लैस राफेल विमानों ने बिना नुकसान तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता साबित कर दी। भारत ने पाकिस्तान की सेना के हमलों को नाकाम कर अपनी मजबूत वायु रक्षा प्रणाली भी दिखा दी। भारत ने पाकिस्तान को मिले चीन के हथियारों को नाकारा साबित कर दिखाया कि रक्षा का मतलब सामान खरीदने से नहीं, उसे एकीकृत कर इस्तेमाल करने से है। भारत के आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों को गिराया और ये साबित किया कि भारत इनका अन्य देशों को निर्यात कर सकता है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से ये भी दिखाया कि सिर्फ आतंकी ठिकाने निशाने पर थे। किसी नागरिक की जान नहीं ली गई। भारत ने आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का भी पालन किया।
मोस्ट वांटेड आतंकियों के साथ पाक के एयरबेस तबाह किए
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने कई मोस्ट वांटेड खूंखार आतंकियों को मार गिराया। साथ ही 7 मी की रात में ही दहशतगर्दी के कई मॉड्यूल का सफाया भी किया। इसके अलावा 9/10 मई की रात भारत ने जवाबी सैन्य कार्रवाई करते हुए परमाणु हथियार रखने वाले पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचाया। भारत ने नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, सरगोधा, पसरूर, चुनियन, स्कार्दू, भोलारी और जैकोबाबाद के एयरबेस और रडार पर हमले किए। महज 3 घंटे में ही भारत ने पाकिस्तान की वायुसेना के 20 फीसदी बुनियादी ढांचे को तगड़ा नुकसान दिया। भोलारी एयरबेस पर भारत की बमबारी से पाकिस्तान के स्क्वॉड्रन लीडर उस्मान यूसुफ समेत 50 से ज्यादा लोग मारे गए। पाकिस्तान के लड़ाकू विमान भी नष्ट किए गए। ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने सेना, नौसेना और वायुसेना का तालमेल भी दिखाया। ये भारत की बढ़ती संयुक्त युद्ध क्षमता का सबूत है।
दुनिया को भारत ने दिया संदेश
भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि वो अपने नागरिकों की रक्षा के लिए किसी और देश की मंजूरी का इंतजार नहीं करेगा। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि आतंकवादियों को कहीं भी और कभी भी सजा मिलेगी। भारत ने दिखाया कि आतंकियों और उनके आकाओं के पास छिपने की कोई जगह नहीं है। भारत ने ये भी साफ कर दिया कि अगर पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा, तो उससे निपटा भी जा सकता है और वार की दिशा उसकी तरफ घुमाई भी जा सकती है। पहले जब भी भारत और पाकिस्तान का संघर्ष होता था, तो ज्यादातर देश भारत से संयम बरतने के लिए कहते थे। इस बार दुनिया के तमाम नेता आतंकवाद के खिलाफ भारत की जंग के समर्थन में आए। पहली बार भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को आतंकवाद के आलोक में देखा गया। साथ ही ये रिश्ते कश्मीर मुद्दे से बिल्कुल अलग हो गए। कुल मिलाकर ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सिर्फ आतंकी ढांचे पर सटीक हमले का लक्ष्य हासिल किया गया।
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