छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना को केंद्रीय सरकार ने मंजूरी दे दी है, जो राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह परियोजना खरसिया से नया रायपुर-परमालकसा (दुर्ग-राजनांदगांव के बीच) 278 किलोमीटर लंबी डबल रेल लाइन से संबंधित है। लंबे समय से प्रस्तावित इस रेल मार्ग को अब रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इससे रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ति, बिलासपुर, बलौदाबाज़ार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे आठ जिलों को सीधा लाभ होगा।
नई रेल लाइन की विशेषताएं:कुल लंबाई: 278 किमी लंबा रेलमार्ग और 615 किमी का ट्रैक (दोहरी लाइन, यार्ड आदि शामिल)
स्टेशन: कुल 21 स्टेशन जो क्षेत्रीय और इंटरसिटी ट्रैफिक को सपोर्ट करेंगे।
पुल व फ्लाईओवर:
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48 बड़े पुल
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349 छोटे पुल
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14 रोड ओवर ब्रिज (ROB)
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184 रोड अंडर ब्रिज (RUB)
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5 रेल फ्लाईओवर
ट्रैफिक क्षमता:
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सालाना 21 से 38 मिलियन टन कार्गो
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8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें चलने की संभावना
ईंधन और पर्यावरण संरक्षण:
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हर साल 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत
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113 करोड़ किग्रा CO₂ उत्सर्जन में कटौती
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यह लगभग 4.5 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर है।
इस परियोजना से रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ति, बिलासपुर, बलौदाबाज़ार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जिले लाभान्वित होंगे। इस रेल परियोजना के तहत इन क्षेत्रों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और उद्योग में वृद्धि होगी।
परिवहन और पर्यावरणीय स्थिरता:इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में व्यापार, उद्योग और परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि करना है। साथ ही, पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए, परियोजना से डीजल बचत और CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी।
अर्थव्यवस्था और विकास पर असर:इस कदम से छत्तीसगढ़ के व्यापार और उद्योग क्षेत्र में बड़े बदलाव होंगे। नए रेल मार्ग से परिवहन सुविधा में वृद्धि होगी, जो राज्य के विकास को गति देगा। साथ ही, इस परियोजना से राज्य के विभिन्न इलाकों में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे और जीवन स्तर में सुधार होगा।
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