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शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव: ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक बाजार प्रभावित

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शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव: ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक बाजार प्रभावित

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की धमकी के कारण वैश्विक बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। ट्रंप की टैरिफ नीति के असर से एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुझान देखा गया, जबकि अमेरिकी बाजारों में मिश्रित ट्रेडिंग हुई। भारतीय शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 2200 अंक से अधिक गिरकर बंद हुआ, वहीं एनएसई निफ्टी ने 700 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ समापन किया। ग्लोबल संकेत बताते हैं कि मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। गिफ्ट निफ्टी, जो भारत के इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 का प्रारंभिक संकेतक है, मंगलवार के निचले स्तरों से उछाल की संभावना दिखा रहा है।

एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुझान

ट्रंप की टैरिफ नीति और चीन पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की धमकियों से एशियाई बाजारों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा। जापान का निक्केई 225 सूचकांक 5.56 प्रतिशत बढ़कर 32,869 के स्तर पर पहुंच गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी भी 0.75 प्रतिशत बढ़कर 2,346 पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, शंघाई कम्पोजिट अभी खुला नहीं था, लेकिन बाजार में सकारात्मक माहौल था।

अमेरिकी बाजारों में मिश्रित ट्रेडिंग

अमेरिकी बाजारों में मिश्रित कारोबार हुआ। ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांकों में गिरावट देखी गई, लेकिन कुछ सूचकांकों में हल्की बढ़त भी आई। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.91 प्रतिशत गिरकर 37,965.60 पर बंद हुआ, वहीं एसएंडपी 500 में 0.23 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 5,062.25 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, नैस्डैक कंपोजिट में मामूली 0.10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई और यह 15,603.26 पर बंद हुआ।

अमेरिकी डॉलर में कमजोरी

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) में भी कमजोरी देखी गई। मंगलवार सुबह यह सूचकांक 0.22 प्रतिशत गिरकर 103.03 पर था। यह सूचकांक प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाता है। ब्रिटिश पाउंड, यूरो, स्वीडिश क्रोना, जापानी येन और स्विस फ्रैंक जैसी मुद्राएं इसमें शामिल हैं। भारतीय रुपया भी डॉलर के मुकाबले 0.70 प्रतिशत गिरकर 85.84 पर बंद हुआ।

कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि

मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई। WTI कच्चे तेल की कीमत 1.24 प्रतिशत बढ़कर $61.43 प्रति बैरल पर कारोबार कर रही थी, जबकि ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 1.02 प्रतिशत बढ़कर $64.86 प्रति बैरल पर थी। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि वैश्विक ऊर्जा बाजार पर असर डाल सकती है और यह विभिन्न उद्योगों और देशों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

एफआईआई और डीआईआई का निवेश

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 9,040 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता रहे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 12,122.45 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे। यह निवेश डेटा दिखाता है कि घरेलू निवेशकों ने बाजार में खरीदारी की, जबकि विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की।

सोने की कीमतों में गिरावट

सोने की कीमतों में गिरावट आई है। 24 कैरेट सोने का भाव 2.5 प्रतिशत गिरकर 87,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, हालांकि पिछले एक महीने में सोने की कीमतों में 1.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। 22 कैरेट सोने का भाव 79,842 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोने का भाव 65,325 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

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