आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल मुकाबला आज यानी कि 2 नवंबर को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला जाना है। इस मैच पर दुनियाभर के क्रिकेट फैंस की नजरें हैं। महिला क्रिकेट विश्व कप का 52 साल का इतिहास शानदार उपलब्धियों और रोमांचक नतीजों से भरा है। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 1973 में इंग्लैंड में हुई थी, जो पुरुषों के विश्व कप से दो साल पहले खेला गया था।   
   
गजब का रहा है वर्ल्ड कप का इतिहासयह टूर्नामेंट दो वूलवरहैम्प्टन के लोगों, व्यवसायी जैक हेवर्ड और इंग्लैंड की कप्तान रचेल हेहो फ्लिंट के प्रयासों का नतीजा था। उन्होंने 1971 में एक बैठक में इस विचार को जन्म दिया था। तब से यह वैश्विक टूर्नामेंट लगातार मजबूत हुआ है और हालिया संस्करणों में तो रिकॉर्ड पुरस्कार राशि दांव पर लगी है जो 2023 के पुरुष विश्व कप की पुरस्कार राशि से भी ज्यादा है।
     
इंग्लैंड ने जीता था पहला वर्ल्ड कपपहला महिला क्रिकेट विश्व कप 1973 में इंग्लैंड में आयोजित किया गया था। इसमें सात टीमों ने भाग लिया था, जिसमें एक युवा इंग्लैंड टीम और एक इंटरनेशनल XI भी शामिल थी। यह टूर्नामेंट राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था जिसमें हर टीम 60 ओवर की पारी खेलती थी। विजेता का फैसला लीग टेबल के आधार पर होता था न कि नॉकआउट मैचों से। हालांकि, आखिरी लीग मैच विजेता-निर्धारक साबित हुआ। एनिड बेकवेल ने इंग्लैंड के लिए 118 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को 92 रनों से हराकर इंग्लैंड को तीन अंकों की बढ़त के साथ खिताब जिताया।
     
पुरुष विश्व कप का आइडिया मिलाहैरानी की बात यह है कि पुरुष वर्ल्ड कप की शुरुआत साल 1975 में हुई थी। यानी कि महिला वर्ल्ड कप शुरू होने के दो साल बाद। इससे एक अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुरुष वर्ल्ड कप का आइडिया कहीं ना कहीं महिला वर्ल्ड कप से ही आया था। वहीं आज के समय में देखा जाए तो पुरुषों के वर्ल्ड कप को लेकर क्रिकेट फैंस के बीच गजब का रोमांच रहता है, लेकिन महिलाओं का टूर्नामेंट उतनी हाइप बनाने में कामयाब नहीं हो पाता। हालांकि भारतीय फैंस इस बार टीम इंडिया से पहली ट्रॉफी जीत की आस लगाए हुए बैठे हुए हैं।
  
गजब का रहा है वर्ल्ड कप का इतिहासयह टूर्नामेंट दो वूलवरहैम्प्टन के लोगों, व्यवसायी जैक हेवर्ड और इंग्लैंड की कप्तान रचेल हेहो फ्लिंट के प्रयासों का नतीजा था। उन्होंने 1971 में एक बैठक में इस विचार को जन्म दिया था। तब से यह वैश्विक टूर्नामेंट लगातार मजबूत हुआ है और हालिया संस्करणों में तो रिकॉर्ड पुरस्कार राशि दांव पर लगी है जो 2023 के पुरुष विश्व कप की पुरस्कार राशि से भी ज्यादा है।
इंग्लैंड ने जीता था पहला वर्ल्ड कपपहला महिला क्रिकेट विश्व कप 1973 में इंग्लैंड में आयोजित किया गया था। इसमें सात टीमों ने भाग लिया था, जिसमें एक युवा इंग्लैंड टीम और एक इंटरनेशनल XI भी शामिल थी। यह टूर्नामेंट राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था जिसमें हर टीम 60 ओवर की पारी खेलती थी। विजेता का फैसला लीग टेबल के आधार पर होता था न कि नॉकआउट मैचों से। हालांकि, आखिरी लीग मैच विजेता-निर्धारक साबित हुआ। एनिड बेकवेल ने इंग्लैंड के लिए 118 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को 92 रनों से हराकर इंग्लैंड को तीन अंकों की बढ़त के साथ खिताब जिताया।
पुरुष विश्व कप का आइडिया मिलाहैरानी की बात यह है कि पुरुष वर्ल्ड कप की शुरुआत साल 1975 में हुई थी। यानी कि महिला वर्ल्ड कप शुरू होने के दो साल बाद। इससे एक अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुरुष वर्ल्ड कप का आइडिया कहीं ना कहीं महिला वर्ल्ड कप से ही आया था। वहीं आज के समय में देखा जाए तो पुरुषों के वर्ल्ड कप को लेकर क्रिकेट फैंस के बीच गजब का रोमांच रहता है, लेकिन महिलाओं का टूर्नामेंट उतनी हाइप बनाने में कामयाब नहीं हो पाता। हालांकि भारतीय फैंस इस बार टीम इंडिया से पहली ट्रॉफी जीत की आस लगाए हुए बैठे हुए हैं।
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