गाजा: इजरायल ने 11 हफ्ते लंबी नाकाबंदी के बाद गाजा पट्टी में मानवीय सहायता भेजने की घोषणा की है। यह फैसला गाजा में खाद्य सुरक्षा पर वैश्विक विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद लिया गया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि भुखमरी का संकट गाजा में इजरायल के नए सैन्य अभियान को खतरे में डाल सकता है। ऐसे में उनकी कैबिनेट ने करीब 23 लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र में भोजन जैसी सीमित बुनियादी मदद की अनुमति देने का फैसला लिया है। भीषण हमलों के बीच इजरायल के इस फैसले से गाजावासियों और हमास को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि मदद रोके जाने की वजह से गाजा में मानवीय संकट गहराया हुआ है।इजरायल ने मदद को गाजा में प्रवेश की अनुमति देने की बात कही है लेकिन सहायता कब और कैसे जाएगी। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। गाजा जाने वाली सहायता की देखरेख करने वाली इजरायली सेना की संस्था ने इस पर टिप्पणी नहीं की है। हालांकि नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा है कि इजरायल यह सुनिश्चित करेगा कि सहायता हमास तक ना पहुंचे। मार्च से रुकी है मददइजरायल ने मार्च के शुरू में ही गाजा में नाकेबंदी करते हुए यहां पहुंचने वाले भोजन, दवा और दूसरी बुनियादी सप्लाई काट दी थी। इजरायल ने इसे हमास पर युद्धविराम शर्तों को स्वीकार करने का दबाव डालने का एक तरीका कहा था। हालांकि युद्धविराम नहीं हो सका और इजरायल ने हमले फिर से शुरू कर दिए। मार्च से ही इजरायल लगातार गाजा में हमले कर रहा है। ये हमले हालिया दिनों में काफी भीषण रूप से चुके हैं। कतर में दोनों पक्षों में युद्धविराम पर बातचीत का भी कोई नतीजा निकलता नहीं दिखा है।गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि युद्धविराम खत्म होने के बाद से यानी बीते करीब तीन महीने में गाजा में 3,000 लोग मारे गए हैं। गाजा में इस शनिवार और रविवार को ही इजरायल के हवाई हमलों में कम से कम 103 लोगों की मौत हो गई। दक्षिणी शहर खान यूनिस में ही 48 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। ये हमले विस्थापित लोगों के घरों और तंबुओं पर हुए। ऐसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा में युद्ध 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुआ था। हमास की ओर से दक्षिणी इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमला किया गया था। इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 250 को हमास ने अगवा कर लिया गया था। इसके बाद ही इजरायल ने गाजा में हवाई हमले शुरू कर दिए। इजरायल के हमलों में अब तक 53,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
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