इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के समय शुरू हुई तनातनी लगातार देखने को मिल रही है। भारत के नेताओं ने हालिया हफ्तों में पाकिस्तान को बार-बार हड़काया है। पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भी भारत को गीदड़भभकी दी है। बीते हफ्ते असीम मुनीर ने परमाणु हथियारों को जिक्र करते हुए भारत को धमकाने की कोशिश की थी। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने दिवाली के मौके पर INS विक्रांत से पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। इस पर कई एक्सपर्ट ने ये कहना शुरू कर दिया कि दोनों देशों में फिर से लड़ाई छिड़ सकती है। हालांकि पाकिस्तानी एक्सपर्ट आयशा सिद्दीक ने इससे इनकार किया है।
पाकिस्तान की लेखक और टिप्पणीकार आयशा सिद्दीक ने एक यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा, 'एक तरफ से आक्रामक बयान आना और फिर दूसरी तरफ से जवाब भारत-पाकिस्तान की पुरानी रिवायत है। इन बयानों के बावजूद मुझे नहीं लगता कि दोनों में से कोई भी मुल्क जंग चाहता है। हाल फिलहाल में तो कम से कम दोनों देशों में जंग की कोई सूरत नजर नहीं आती है।'
धमकियों पर क्यों उतरे मुनीर?आयशा से सवाल किया गया कि अगर दोनों देश जंग में जाने की सूरत में नहीं हैं तो फिर मुनीर बार-बार परमाणु का जिक्र क्यों कर रहे हैं। इस पर आयशा ने कहा कि वह सिर्फ अपना नैरेटिव मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। मुनीर ने बड़ी-बड़ी बातें करते हुए अपनी छवि बेहतर करने की कोशिश की है। वह अपने देश के लोगों को संतुष्ट कर रहे हैं।
आयशा सिद्दीक ने आगे कहा कि अगर पहलगाम जैसा कोई हादसा ना हो तो जंग की स्थित में दोनों देश नहीं है। भारत या पाकिस्तान में से कोई भी फिलहाल हमला करने जैसे जोखिम से बचेगा। हालांकि दोनों देश बातचीच से भी भाग रहे हैं। ये ऐसी स्थिति है, जिसमें दोनों देश ना शांति के लिए तैयार हैं और ना जंग करेंगे। ऐसे में यही बयानबाजी होगी, जो हो रही है।
अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध और पाक नेताओं की ओर से डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ पर सिद्दीक ने कहा कि उनकी ये चापलूसी मजबूरी है। इकॉनमी और दुनिया में अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए मुनीर और शहबाज को यही तरीका समझ आ रहा है। ट्रंप को अपनी तारीफ करने वाले पसंद है। ऐसे में मुनीर और शहबाज उनके कसीदे लगातार पढ़ते जा रहे हैं।
पाकिस्तान की लेखक और टिप्पणीकार आयशा सिद्दीक ने एक यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा, 'एक तरफ से आक्रामक बयान आना और फिर दूसरी तरफ से जवाब भारत-पाकिस्तान की पुरानी रिवायत है। इन बयानों के बावजूद मुझे नहीं लगता कि दोनों में से कोई भी मुल्क जंग चाहता है। हाल फिलहाल में तो कम से कम दोनों देशों में जंग की कोई सूरत नजर नहीं आती है।'
धमकियों पर क्यों उतरे मुनीर?आयशा से सवाल किया गया कि अगर दोनों देश जंग में जाने की सूरत में नहीं हैं तो फिर मुनीर बार-बार परमाणु का जिक्र क्यों कर रहे हैं। इस पर आयशा ने कहा कि वह सिर्फ अपना नैरेटिव मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। मुनीर ने बड़ी-बड़ी बातें करते हुए अपनी छवि बेहतर करने की कोशिश की है। वह अपने देश के लोगों को संतुष्ट कर रहे हैं।
आयशा सिद्दीक ने आगे कहा कि अगर पहलगाम जैसा कोई हादसा ना हो तो जंग की स्थित में दोनों देश नहीं है। भारत या पाकिस्तान में से कोई भी फिलहाल हमला करने जैसे जोखिम से बचेगा। हालांकि दोनों देश बातचीच से भी भाग रहे हैं। ये ऐसी स्थिति है, जिसमें दोनों देश ना शांति के लिए तैयार हैं और ना जंग करेंगे। ऐसे में यही बयानबाजी होगी, जो हो रही है।
अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध और पाक नेताओं की ओर से डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ पर सिद्दीक ने कहा कि उनकी ये चापलूसी मजबूरी है। इकॉनमी और दुनिया में अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए मुनीर और शहबाज को यही तरीका समझ आ रहा है। ट्रंप को अपनी तारीफ करने वाले पसंद है। ऐसे में मुनीर और शहबाज उनके कसीदे लगातार पढ़ते जा रहे हैं।
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