बीजिंग: चीन की ओर से ताइवान पर हमले का प्लान बनाया जा रहा है। चीन ने इसके लिए तैयारी कर ली है और इसी साल ये हमला हो सकता है। खुफिया सूत्रों से बातचीत के आधार पर की गई अपनी रिपोर्ट में 19फोर्टीफाइव ने ये दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अगले छह महीनों में ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है। ये ऐसा समय हो रहा है जब चीनी सत्ता के गलियारों में ताइवान पर हमले की मांग बढ़ रही है। बीजिंग में सवाल हो रहा है कि अगर ताइवान को अब नहीं तो कब चीन का हिस्सा बनाया जाएगा। अमेरिका ने लगातार ताइवान को अपना समर्थन देने के संकेत दिए हैं। हालांकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के नेता मानते हैं कि अमेरिका के लिए ताइवान पर चीनी आक्रमण को रोकना मुमकिन नहीं होगा। चीनी सेना और सरकार ताइवान को अपने में मिलाने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। इनमें नाकाबंदी, सैन्य हमले और दूसरे विकल्प शामिल हैं। चीन, ताइवान के साथ जो कर रहा है। उसमें इंटरनेट और संचार के केबलों को काटना, चुनावों में हस्तक्षेप करना और गलत सूचनाएं फैलाना शामिल है। सूत्रों का ये भी मानना है कि अमेरिका इसमें दखल से सकता है और चीन की ये कोशिश ताइवान में बड़ी जंग की वजह बन सकता है। चीन-अमेरिका में पहले से ही तनावडोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन और अमेरिका में तनाव बढ़ा हुऐ है। चीन इस समय को ताइवान पर कब्जा करने के लिए सटीक मान रहा है। चीन अगले छह महीनों में ताइवान पर कब्जे की कोशिश कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल और कैलिफोर्निया के पूर्व लॉ मेकर चक डेवोरे ने तीन संभावित तरीके बताए हैं। इसमें धीरे-धीरे अपना प्रभाव बढ़ाना, अचानक बड़ा हमला और गलत सूचनाओं से अराजकता फैलाना है।डेवोरे के अनुसार, पहला विकल्प ताइवान की पूरी तरह से नाकाबंदी करना होगा। इसमें चीन की नौसेना ताइवान को चारों तरफ से घेर लेगी। इससे ताइवान का जलमार्ग एक 'किल जोन' बन जाएगा। ताइवान अपनी जरूरत का 90 फीसदी खाना और 100 फीसदी प्राकृतिक गैस जहाजों से मंगवाता है। ऐसे में चीन की नाकाबंदी से ताइवान किसी भी शर्त को मानने के लिए बेबस हो जाएगा। इस तरह चीन को ताइवान को झुकाने के लिए किसी बड़े आक्रमण की जरूरत नहीं होगी। चीन का दूसरा और तीसरा विकल्पचीन का दूसरा विकल्प ताइवान पर मिसाइलों से हमला करना है। इससे ताइवान के सुरक्षा तंत्र को भारी नुकसान होगा। ताइवान के मिसाइल डिफेंस सिस्टम बेकार हो जाएंगे। चीन क हैकर्स ताइवान के पावर ग्रिड को क्रैश कर देंगे और इंटरनेट और फोन नेटवर्क को बंद कर देंगे। इसके साथ ही चीन के 1,00,000 सैनिक ताइवान के तटों पर हमला कर देंगे। चीन का लक्ष्य होगा कि कुछ ही दिनों में ताइपे पर कब्जा कर लिया जाएगा।चीन का तीसरा विकल्प सबसे खतरनाक हो सकता है इसमें ताइवान पर कब्जा करने के साथ-साथ चीन की ओर से अमेरिका और उसके सहयोगियों की रक्षा क्षमता को नष्ट करने की कोशिश करेगा। चीनी मिसाइल हमले ना केवल ताइवान में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएंगे, बल्कि जापान, गुआम और फिलीपींस में अमेरिकी ठिकानों को भी निशाना बनाएंगे। रिपोर्ट कहती है कि चीन इनमें से कौन सा विकल्प चुनेगा, यह कहना मुश्किल है लेकिन यह तय है कि चीन इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। चीन ने हालिया वक्त में लगातार ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास भी किए हैं। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि वह ये तय कर चुका होगा कि कैसे ताइवान को चीन में मिलाने के लिए आक्रमण करना होगा।
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