H-1B Visa Controversy: अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर खड़ा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के नेता और सांसद इस वीजा प्रोग्राम को खत्म करने की लगातार मांग कर रहे हैं। इस बीच अब ट्रंप की पार्टी के सांसद माइक ली वीजा प्रोग्राम को लेकर आगबबूला हो गए हैं। उन्होंने मांग कर दी है कि H-1B वीजा को खत्म करने का समय आ चुका है। इस वीजा के जरिए ही भारतीय टेक, हेल्थकेयर समेत कई सेक्टर्स में जॉब के लिए अमेरिका जाते हैं।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'क्या H-1B वीजा पर रोक लगाने का समय आ गया है?' उनकी ये पोस्ट वॉलमार्ट विवाद के बीच आई है। कहा गया कि वॉलमार्ट में H-1B वीजा से संबंधित धोखाधड़ी हुई है, जिसके बाद कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। हालांकि, कंपनी ने इस बात से इनकार किया है। उसने कहा कि एक जांच की गई, जिसके बाद एक वेंडर और कम संख्या में लोगों की छंटनी हुई। H-1B वीजा से इस पूरे मामले का कोई लेना-देना नहीं है।
H-1B वीजा पाने में भारतीय आगे
प्यू रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में अमेरिका में रहने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या 16 लाख से बढ़ गई, जो 20 साल में सबसे ज्यादा है। अमेरिका में विदेशी नागरिकों की आबादी देश की कुल आबादी का 14% है। सबसे ज्यादा मैक्सिको के लोग हैं और फिर दूसरे नंबर पर भारतीय शामिल हैं। अमेरिका में रहने वाले विदेशी लोगों की कुल आबादी 4.5 करोड़ से ज्यादा है। यहां रहने वाले ज्यादातर भारतीय H-1B वीजा पर काम करने आए हैं। वे स्किल वर्कर्स हैं और बड़ी कंपनियों में जॉब कर रहे हैं।
H-1B वीजा को स्किल वर्कर्स को आकर्षित करने वाला माना जाता है, लेकिन ये हमेशा से विवादों में रहा है। अमेरिकी लोगों को लगता है कि ये उनकी नौकरियां खा रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय नागरिक H-1B वीजा पाने में सबसे आगे रहते हैं। अक्टूबर 2022 से लेकर सितंबर 2023 के बीच जारी हुए कुल H-1B वीजा का 72 फीसदी हिस्सा अकेले भारतीयों को मिला। 12 फीसदी के साथ चीन के नागरिक दूसरे नंबर पर थे। साउथ कोरिया और फिलीपींस भी वीजा पाने में आगे है।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'क्या H-1B वीजा पर रोक लगाने का समय आ गया है?' उनकी ये पोस्ट वॉलमार्ट विवाद के बीच आई है। कहा गया कि वॉलमार्ट में H-1B वीजा से संबंधित धोखाधड़ी हुई है, जिसके बाद कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। हालांकि, कंपनी ने इस बात से इनकार किया है। उसने कहा कि एक जांच की गई, जिसके बाद एक वेंडर और कम संख्या में लोगों की छंटनी हुई। H-1B वीजा से इस पूरे मामले का कोई लेना-देना नहीं है।
Is it time to pause H1-B visas? https://t.co/RiBrcWeD6f
— Mike Lee (@BasedMikeLee) August 25, 2025
H-1B वीजा पाने में भारतीय आगे
प्यू रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में अमेरिका में रहने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या 16 लाख से बढ़ गई, जो 20 साल में सबसे ज्यादा है। अमेरिका में विदेशी नागरिकों की आबादी देश की कुल आबादी का 14% है। सबसे ज्यादा मैक्सिको के लोग हैं और फिर दूसरे नंबर पर भारतीय शामिल हैं। अमेरिका में रहने वाले विदेशी लोगों की कुल आबादी 4.5 करोड़ से ज्यादा है। यहां रहने वाले ज्यादातर भारतीय H-1B वीजा पर काम करने आए हैं। वे स्किल वर्कर्स हैं और बड़ी कंपनियों में जॉब कर रहे हैं।
H-1B वीजा को स्किल वर्कर्स को आकर्षित करने वाला माना जाता है, लेकिन ये हमेशा से विवादों में रहा है। अमेरिकी लोगों को लगता है कि ये उनकी नौकरियां खा रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय नागरिक H-1B वीजा पाने में सबसे आगे रहते हैं। अक्टूबर 2022 से लेकर सितंबर 2023 के बीच जारी हुए कुल H-1B वीजा का 72 फीसदी हिस्सा अकेले भारतीयों को मिला। 12 फीसदी के साथ चीन के नागरिक दूसरे नंबर पर थे। साउथ कोरिया और फिलीपींस भी वीजा पाने में आगे है।