नई दिल्ली: क्या जस्टिस सूर्यकांत भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे? प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को अगला सीजेआई नियुक्त करने की सिफारिश की है। मौजूदा सीजेआई गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
23 नवंबर को रिटायर हो रहे सीजेआई गवई
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर होंगे। सूत्रों के अनुसार इस साल 14 मई को प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले जस्टिस गवई ने अगले चीफ जस्टिस के रूप में केंद्रीय विधि मंत्रालय से न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है। इसी के साथ नए सीजेआई को लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जस्टिस सूर्यकांत होंगे अगले सीजेआई?
24 मई, 2019 को प्रमोट किए जाने के बाद जस्टिस सूर्यकांत शीर्ष अदालत पहुंचे थे। अब सीजेआई गवई ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। उनके प्रधान न्यायाधीश बनने पर कार्यकाल एक साल 2 महीने से अधिक होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है।
कैसे होती है सीजेआई की नियुक्ति
परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश से उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगता है। इसके बाद वर्तमान चीफ जस्टिस औपचारिक रूप से पद छोड़ने से लगभग 30 दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को 'पद धारण करने के लिए उपयुक्त' मानते हुए उनकी सिफारिश करते हैं।
क्या है पूरी प्रक्रिया
न्यायिक नियुक्तियों के मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जाता है, को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है। सीजेआई गवई की सिफारिश भेजे जाने के बाद सरकार जल्द ही जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने की उम्मीद है।
जस्टिस सूर्यकांत के बारे में जानिए सबकुछ
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री और 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। जस्टिस सूर्यकांत के बारे में सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उन्होंने हिसार जिला न्यायालय से वकालत शुरू की और बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल
जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 12 नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेस कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।
23 नवंबर को रिटायर हो रहे सीजेआई गवई
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर होंगे। सूत्रों के अनुसार इस साल 14 मई को प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले जस्टिस गवई ने अगले चीफ जस्टिस के रूप में केंद्रीय विधि मंत्रालय से न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है। इसी के साथ नए सीजेआई को लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जस्टिस सूर्यकांत होंगे अगले सीजेआई?
24 मई, 2019 को प्रमोट किए जाने के बाद जस्टिस सूर्यकांत शीर्ष अदालत पहुंचे थे। अब सीजेआई गवई ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। उनके प्रधान न्यायाधीश बनने पर कार्यकाल एक साल 2 महीने से अधिक होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है।
कैसे होती है सीजेआई की नियुक्ति
परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश से उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगता है। इसके बाद वर्तमान चीफ जस्टिस औपचारिक रूप से पद छोड़ने से लगभग 30 दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को 'पद धारण करने के लिए उपयुक्त' मानते हुए उनकी सिफारिश करते हैं।
क्या है पूरी प्रक्रिया
न्यायिक नियुक्तियों के मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जाता है, को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है। सीजेआई गवई की सिफारिश भेजे जाने के बाद सरकार जल्द ही जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने की उम्मीद है।
जस्टिस सूर्यकांत के बारे में जानिए सबकुछ
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री और 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। जस्टिस सूर्यकांत के बारे में सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उन्होंने हिसार जिला न्यायालय से वकालत शुरू की और बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल
जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 12 नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेस कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।
You may also like

FDI Limit Hike: सरकारी बैंकों को ये कैसा 'इंजेक्शन' लगाने की तैयारी, टूट जाएगी पुरानी 'दीवार'... पलट जाएगी किस्मत?

प्रतिका रावल की जगह इस खिलाड़ी की टीम में एंट्री... वर्ल्ड कप से ठीक पहले हुई थी बाहर, अब टीम इंडिया को जिताने की जिम्मेदारी

ऑस्ट्रेलिया को नहीं चाहिए विदेशी स्टूडेंट्स? यूनिवर्सिटी को एडमिशन को लेकर सुना दिया ये फरमान

Madhupur Bank Robbery: किराएदार बनकर आए थे बैंक लुटेरे, दो किलो सोना और एक करोड़ 64 लाख की हुई थी लूट, जानें पूरा मामला

चुनाव आयोग ने किया यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में एसआईआर का एलान, विपक्ष ने उठाए ये सवाल




