पटना: पूर्व चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग को उसके नोटिस पर करारा जवाब दिया है। आयोग ने उन्हें दो राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल में मतदाता के तौर पर रजिस्टर्ड होने के मामले में नोटिस भेजा है। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर उन्होंने कोई कानून तोड़ा है तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि चुनाव आयोग का एसआईआर अभियान बिहार के लोगों को डरा नहीं सका। उन्होंने यह भी कहा कि मतदाताओं के नाम हटाने की उनकी कोशिशें नाकाम रहीं।
प्रशांत किशोर ने बताया कि वे सन 2019 से अपने गांव कोनर के पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन उन्होंने दो साल कोलकाता में बिताए थे, इसलिए वहां भी उनका रिकॉर्ड होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर धमकाने की कोशिश की है। अगर कोई गलत काम हुआ है तो उन्हें गिरफ्तार करके साबित किया जाए।
आयोग ने तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहाप्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग का दावा है कि उन्होंने एसआईआर किया है और पूरी मतदाता सूची की जांच की है। प्रशांत किशोर का नाम कोनर में करगहर विधानसभा क्षेत्र के तहत सूचीबद्ध है, आप इसे डाउनलोड करके खुद देख सकते हैं।" चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर से दोहरे मतदाता होने पर तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
रोहतास के करगहर विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, आयोग ने 28 अक्टूबर, 2025 की एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया था, जिसमें प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों की वोटर लिस्ट में पाया गया था। नोटिस में कहा गया है, "इसलिए, आपको एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में अपने नाम की प्रविष्टि के संबंध में तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना आवश्यक है।"
बिहार के साथ बंगाल में भी मतदातासमाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार प्रशांत किशोर कोलकाता के 121 कालीघाट रोड पर मतदाता के रूप में पंजीबद्ध हैं। यह पता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर में तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय का है। अधिकारी ने बताया, "उनका मतदान केंद्र बी रानीशंकर लेन पर सेंट हेलेन स्कूल में है।" हालांकि बिहार में प्रशांत किशोर रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र के तहत पंजीकृत हैं, जहां मध्य विद्यालय, कोनर उनका मतदान केंद्र है।
दोहरे नामांकन पर क्या कानूनी प्रावधान?जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (धारा 31) के तहत किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक स्थान पर मतदाता के रूप में नामांकित नहीं किया जा सकता है। इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर एक साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, निवास परिवर्तन के मामलों में मतदाता को नए निर्वाचन क्षेत्र में शामिल करने और पुराने से नाम हटाने का अनुरोध करते हुए फॉर्म 8 भरना होता है।
जन सुराज पार्टी के माध्यम से बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर के प्रवेश ने सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन को बेचैन कर दिया है। आयोग के नोटिस के बाद दोनों खेमों ने इस विवाद को भुनाने की कोशिश की है।
प्रशांत किशोर ने बताया कि वे सन 2019 से अपने गांव कोनर के पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन उन्होंने दो साल कोलकाता में बिताए थे, इसलिए वहां भी उनका रिकॉर्ड होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर धमकाने की कोशिश की है। अगर कोई गलत काम हुआ है तो उन्हें गिरफ्तार करके साबित किया जाए।
VIDEO | When asked about the dual voter ID row, Jan Suraaj Party leader Prashant Kishor said, “The Election Commission’s SIR drive could not intimidate the people of Bihar, their attempts to delete voters’ names have failed...I have been a registered voter of my village, Konar,… pic.twitter.com/0hHX2T8E6K
— Press Trust of India (@PTI_News) October 28, 2025
आयोग ने तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहाप्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग का दावा है कि उन्होंने एसआईआर किया है और पूरी मतदाता सूची की जांच की है। प्रशांत किशोर का नाम कोनर में करगहर विधानसभा क्षेत्र के तहत सूचीबद्ध है, आप इसे डाउनलोड करके खुद देख सकते हैं।" चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर से दोहरे मतदाता होने पर तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
Bihar | Returning Officer, Kargahar Assembly Constituency writes to Jan Suraaj Founder Prashant Kishor
— ANI (@ANI) October 28, 2025
"According to a news item published on 28.10.2025, your name is registered in the electoral rolls of Bihar and West Bengal.... Therefore, you should present your side within… pic.twitter.com/BysJbbY62m
रोहतास के करगहर विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, आयोग ने 28 अक्टूबर, 2025 की एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया था, जिसमें प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों की वोटर लिस्ट में पाया गया था। नोटिस में कहा गया है, "इसलिए, आपको एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में अपने नाम की प्रविष्टि के संबंध में तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना आवश्यक है।"
बिहार के साथ बंगाल में भी मतदातासमाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार प्रशांत किशोर कोलकाता के 121 कालीघाट रोड पर मतदाता के रूप में पंजीबद्ध हैं। यह पता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर में तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय का है। अधिकारी ने बताया, "उनका मतदान केंद्र बी रानीशंकर लेन पर सेंट हेलेन स्कूल में है।" हालांकि बिहार में प्रशांत किशोर रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र के तहत पंजीकृत हैं, जहां मध्य विद्यालय, कोनर उनका मतदान केंद्र है।
दोहरे नामांकन पर क्या कानूनी प्रावधान?जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (धारा 31) के तहत किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक स्थान पर मतदाता के रूप में नामांकित नहीं किया जा सकता है। इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर एक साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, निवास परिवर्तन के मामलों में मतदाता को नए निर्वाचन क्षेत्र में शामिल करने और पुराने से नाम हटाने का अनुरोध करते हुए फॉर्म 8 भरना होता है।
जन सुराज पार्टी के माध्यम से बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर के प्रवेश ने सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन को बेचैन कर दिया है। आयोग के नोटिस के बाद दोनों खेमों ने इस विवाद को भुनाने की कोशिश की है।
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