मेरठ: एक सोच साथिया फाउंडेशन (ESSF) ने 'शिक्षा सबके लिए' विषय पर संगोष्ठी एवं भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया। कार्यक्रम में भारत सरकार के सीबीआईसी सदस्य योगेन्द्र गर्ग और दिल्ली जोन के चीफ कमिशनर मनीष कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। फाउंडेशन के निदेशक जगदीश लाल सहगल ने बताया कि उनकी तरफ से गाजियाबाद और मेरठ में भी कैंप लगाया जाएगा, जिसमें लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा और मेधावी छात्र-छात्राओं को चयनित कर उन्हें छात्रवृत्ति दी जाएगी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट सफदरजंग एयरपोर्ट नई दिल्ली के कन्वेंशन हॉल आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन ने शिक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। सहगल ने बताया कि इस वर्ष 42 मेधावी और विशेष छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है। वहीं, सांस्कृतिक संध्या में भरतनाट्यम नृत्य, तबला वादन और गीत-संगीत की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भारतीय कला-संस्कृति की विविधता और गहराई का अनुभव कराया।
कोविड-19 महामारी के दौरान राकेश गुप्ता के नेतृत्व में गठित फाउंडेशन की शुरुआत एक ब्रदरहुड ग्रुप के रूप में हुई थी, जिसे कस्टम एवं सीजीएसटी विभाग के सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों ने मिलकर बनाया था। समय के साथ यह समूह शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक प्रोत्साहन के माध्यम से सामाजिक सशक्तिकरण का आंदोलन बन गया।
फाउंडेशन अब तक वृक्षारोपण अभियान, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर रोक की पहल, छात्रवृत्ति कार्यक्रम और कवि सम्मेलनों जैसे सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभा चुका है। आगे की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए सहगल, सी.पी.एस. तेवतिया, एस.डी. रॉय, राजेश शर्मा, आर.पी. मित्तल और मनोज अग्रवाल ने बताया कि फाउंडेशन जल्द ही स्वास्थ्य, संगीत, फोटोग्राफी और निवेश जागरूकता पर केंद्रित विशेष समूहों का गठन करेगा।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट सफदरजंग एयरपोर्ट नई दिल्ली के कन्वेंशन हॉल आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन ने शिक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। सहगल ने बताया कि इस वर्ष 42 मेधावी और विशेष छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है। वहीं, सांस्कृतिक संध्या में भरतनाट्यम नृत्य, तबला वादन और गीत-संगीत की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भारतीय कला-संस्कृति की विविधता और गहराई का अनुभव कराया।
कोविड-19 महामारी के दौरान राकेश गुप्ता के नेतृत्व में गठित फाउंडेशन की शुरुआत एक ब्रदरहुड ग्रुप के रूप में हुई थी, जिसे कस्टम एवं सीजीएसटी विभाग के सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों ने मिलकर बनाया था। समय के साथ यह समूह शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक प्रोत्साहन के माध्यम से सामाजिक सशक्तिकरण का आंदोलन बन गया।
फाउंडेशन अब तक वृक्षारोपण अभियान, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर रोक की पहल, छात्रवृत्ति कार्यक्रम और कवि सम्मेलनों जैसे सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभा चुका है। आगे की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए सहगल, सी.पी.एस. तेवतिया, एस.डी. रॉय, राजेश शर्मा, आर.पी. मित्तल और मनोज अग्रवाल ने बताया कि फाउंडेशन जल्द ही स्वास्थ्य, संगीत, फोटोग्राफी और निवेश जागरूकता पर केंद्रित विशेष समूहों का गठन करेगा।
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