लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्जर के मुद्दे को आम आदमी पार्टी ने अहम मुद्दा बना लिया है। यूपी चुनाव 2027 से पहले आप सांसद संजय सिंह इस मामले को लेकर जबर्दस्त हमला बोल रहे हैं। आप के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को जारी बयान में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर शिक्षा विरोधी मानसिकता रखने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिस प्रदेश में लाखों बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, वहां हजारों स्कूल या तो बंद कर दिए गए हैं या जर्जर हालत में चल रहे हैं। दूसरी तरफ शराब की दुकानों की बाढ़ आई हुई है। बच्चों के हाथ से किताब छीनकर बोतल पकड़ाने की कोशिश की जा रही है।
संजय सिंह ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर 1.93 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। माध्यमिक में 3,872 और वरिष्ठ माध्यमिक में 8,714 शिक्षक नहीं हैं। मतलब ये कि सरकार खुद मानती है कि करीब 2 लाख शिक्षक नहीं हैं, लेकिन फिर भी उनकी भर्ती की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। कई जिलों में ऐसे प्राथमिक विद्यालय चल रहे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक पूरे स्कूल को संभाल रहा है। प्रयागराज जिले में ही 633 स्कूल खतरनाक घोषित किए जा चुके हैं जिनकी इमारतें गिरने की हालत में हैं।
27 हजार से अधिक स्कूल बंदआप सांसद ने कहा कि योगी सरकार ने अब तक 27,000 से अधिक सरकारी स्कूल बंद कर दिए हैं। अब 5,000 और स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। यह दलील दी जा रही है कि वहां बच्चों की संख्या कम है। लेकिन, बच्चों की संख्या इसलिए कम है, क्योंकि सरकार ने शिक्षक नहीं दिए। वहां सुविधाएं नहीं दीं और स्कूलों को खुद ही बर्बाद किया। संजय सिंह ने कहा कि ये सब उस सरकार के राज में हो रहा है जो हर दिन ‘डबल इंजन सरकार’ की दुहाई देती है।
आप सांसद ने आरोप लगाया कि जब स्कूल बंद हो रहे थे, तब सरकार ने प्रदेश के खाली खजाने प्रदेश में 27,308 शराब की दुकानें खोल दीं। सरकार को शिक्षा की नहीं, शराब के ठेकों की चिंता है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में प्रति छात्र शिक्षा पर सिर्फ ₹9,167 सालाना खर्च हो रहा है, जो कि राष्ट्रीय औसत ₹12,768 से कहीं कम है।
जनता के सामने असली चेहराआप सांसद संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार का असली चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है। यह सरकार नहीं चाहती कि गरीब, दलित, पिछड़ा और किसान का बच्चा पढ़-लिखकर आगे बढ़े। इसीलिए शिक्षा को पूरी तरह से तबाह किया जा रहा है, स्कूलों को या तो मर्ज कर दिया गया है या उन्हें खस्ताहाल छोड़ दिया गया है। आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ शुरू किया है। हम गांव-गांव जाकर जनता को बताएंगे कि योगी सरकार बच्चों से किताबें छीनकर शराब की बोतल थमा रही है।
सांसद ने कहा कि हम ‘मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए’ के नारे के साथ यह आंदोलन तब तक चलाएंगे, जब तक प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षक, स्कूल और शिक्षा का अधिकार नहीं मिल जाता। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि योगी सरकार ने तुरंत शिक्षक भर्ती, स्कूलों की मरम्मत और बंद स्कूलों को फिर से शुरू करने की दिशा में कदम नहीं उठाया तो आम आदमी पार्टी यह मुद्दा सड़क से सदन तक जोर-शोर से उठाएगी। हर मोर्चे पर हम सरकार को बेनकाब करेंगे।
संजय सिंह ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर 1.93 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। माध्यमिक में 3,872 और वरिष्ठ माध्यमिक में 8,714 शिक्षक नहीं हैं। मतलब ये कि सरकार खुद मानती है कि करीब 2 लाख शिक्षक नहीं हैं, लेकिन फिर भी उनकी भर्ती की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। कई जिलों में ऐसे प्राथमिक विद्यालय चल रहे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक पूरे स्कूल को संभाल रहा है। प्रयागराज जिले में ही 633 स्कूल खतरनाक घोषित किए जा चुके हैं जिनकी इमारतें गिरने की हालत में हैं।
27 हजार से अधिक स्कूल बंदआप सांसद ने कहा कि योगी सरकार ने अब तक 27,000 से अधिक सरकारी स्कूल बंद कर दिए हैं। अब 5,000 और स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। यह दलील दी जा रही है कि वहां बच्चों की संख्या कम है। लेकिन, बच्चों की संख्या इसलिए कम है, क्योंकि सरकार ने शिक्षक नहीं दिए। वहां सुविधाएं नहीं दीं और स्कूलों को खुद ही बर्बाद किया। संजय सिंह ने कहा कि ये सब उस सरकार के राज में हो रहा है जो हर दिन ‘डबल इंजन सरकार’ की दुहाई देती है।
आप सांसद ने आरोप लगाया कि जब स्कूल बंद हो रहे थे, तब सरकार ने प्रदेश के खाली खजाने प्रदेश में 27,308 शराब की दुकानें खोल दीं। सरकार को शिक्षा की नहीं, शराब के ठेकों की चिंता है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में प्रति छात्र शिक्षा पर सिर्फ ₹9,167 सालाना खर्च हो रहा है, जो कि राष्ट्रीय औसत ₹12,768 से कहीं कम है।
जनता के सामने असली चेहराआप सांसद संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार का असली चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है। यह सरकार नहीं चाहती कि गरीब, दलित, पिछड़ा और किसान का बच्चा पढ़-लिखकर आगे बढ़े। इसीलिए शिक्षा को पूरी तरह से तबाह किया जा रहा है, स्कूलों को या तो मर्ज कर दिया गया है या उन्हें खस्ताहाल छोड़ दिया गया है। आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ शुरू किया है। हम गांव-गांव जाकर जनता को बताएंगे कि योगी सरकार बच्चों से किताबें छीनकर शराब की बोतल थमा रही है।
सांसद ने कहा कि हम ‘मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए’ के नारे के साथ यह आंदोलन तब तक चलाएंगे, जब तक प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षक, स्कूल और शिक्षा का अधिकार नहीं मिल जाता। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि योगी सरकार ने तुरंत शिक्षक भर्ती, स्कूलों की मरम्मत और बंद स्कूलों को फिर से शुरू करने की दिशा में कदम नहीं उठाया तो आम आदमी पार्टी यह मुद्दा सड़क से सदन तक जोर-शोर से उठाएगी। हर मोर्चे पर हम सरकार को बेनकाब करेंगे।
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