गाजियाबाद: बारिश के मौसम में मच्छरों की भरमार का असर अब सुरक्षा बलों के जवानों पर भी दिखने लगा है। मच्छरों के काटने से गोविंदपुरम स्थित पीएसी 47वीं वाहिनी में ट्रेनिंग के लिए आए 30 से अधिक जवान संक्रमित हो गए हैं। उनके शरीर पर लाल दाने निकल आए हैं, इनमें लगातार खुजली और जलन हो रही है। जवानों को शनिवार को जिला एमएमजी अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया।
पीएसी बटालियन के जवानों के पास मच्छरदानी नहीं है, इससे वे संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। 30 से अधिक जवानों को स्किन इंफेक्शन हो गया है। जवान तरुण कुमार ने बताया कि शरीर पर जगह-जगह लाल दाने हो रहे हैं। उसके छूने के बाद शरीर पर जहां भी हाथ लग रहा है, वहां फैल जाते हैं। इनमें से दो जवानों को आंखों में इंफेक्शन हो गया है। जिससे उनको देखने में भी परेशानी हो रही है। पलाटून कमांडर सत्यवीर शर्मा सभी को एमएमजी अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे।
बारिश में सक्रिय हो जाते हैं 'ब्रिस्टल डर्मेटाइटिस'वहीं, एमएमजी के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीक्षित ने बताया कि बारिश के मौसम में 'ब्रिस्टल डर्मेटाइटिस' सक्रिय हो जाता है, जो एक प्रकार का मच्छरनुमा कीड़ा होता है। इसके काटने से शरीर पर लाल दाग बनने शुरू हो जाते हैं। कई केसों में लाल दाग के साथ खुजली भी होने लगती है। बारिश के मौसम में खुले में या बिना मच्छरदानी के सोने पर खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए लाइट बंद करके और मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए।
नया बैरक होने के बाद भी साफ-सफाई नहींगोविंदपुरम में 47वीं बटालियन में 12 मंजिला इमारत बनी हुई है। इसमें दूसरी मंजिल से 9वीं मंजिल तक जवान रहते हैं। एक मंजिल पर 4 बैरक बने हुए हैं, जिसमें 5-5 बेड पड़े हुए हैं। लेकिन साफ-सफाई के अभाव और जवानों के पास मच्छरदानी नहीं होने के कारण वे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। इसमें लाल चकत्ते, त्वचा पर सूजन, खुजली और कभी-कभी फफोले भी शामिल हैं। डॉक्टर ने सभी जवानों को मच्छरदानी के उपयोग, साफ-सफाई बनाए रखने और पानी जमा न होने देने की सलाह दी है।
पीएसी बटालियन के जवानों के पास मच्छरदानी नहीं है, इससे वे संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। 30 से अधिक जवानों को स्किन इंफेक्शन हो गया है। जवान तरुण कुमार ने बताया कि शरीर पर जगह-जगह लाल दाने हो रहे हैं। उसके छूने के बाद शरीर पर जहां भी हाथ लग रहा है, वहां फैल जाते हैं। इनमें से दो जवानों को आंखों में इंफेक्शन हो गया है। जिससे उनको देखने में भी परेशानी हो रही है। पलाटून कमांडर सत्यवीर शर्मा सभी को एमएमजी अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे।
बारिश में सक्रिय हो जाते हैं 'ब्रिस्टल डर्मेटाइटिस'वहीं, एमएमजी के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीक्षित ने बताया कि बारिश के मौसम में 'ब्रिस्टल डर्मेटाइटिस' सक्रिय हो जाता है, जो एक प्रकार का मच्छरनुमा कीड़ा होता है। इसके काटने से शरीर पर लाल दाग बनने शुरू हो जाते हैं। कई केसों में लाल दाग के साथ खुजली भी होने लगती है। बारिश के मौसम में खुले में या बिना मच्छरदानी के सोने पर खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए लाइट बंद करके और मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए।
नया बैरक होने के बाद भी साफ-सफाई नहींगोविंदपुरम में 47वीं बटालियन में 12 मंजिला इमारत बनी हुई है। इसमें दूसरी मंजिल से 9वीं मंजिल तक जवान रहते हैं। एक मंजिल पर 4 बैरक बने हुए हैं, जिसमें 5-5 बेड पड़े हुए हैं। लेकिन साफ-सफाई के अभाव और जवानों के पास मच्छरदानी नहीं होने के कारण वे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। इसमें लाल चकत्ते, त्वचा पर सूजन, खुजली और कभी-कभी फफोले भी शामिल हैं। डॉक्टर ने सभी जवानों को मच्छरदानी के उपयोग, साफ-सफाई बनाए रखने और पानी जमा न होने देने की सलाह दी है।
You may also like
कांग्रेस ने असम में वोटर लिस्ट साज़िश का लगाया आरोप
महात्मा गांधी के कर्मभूमि पहुंचे गांधी के प्रपौत्र तुषार को किया गया अपमानित
बीएसएफ ने कदमतला परिसर में वृक्षारोपण
कमार जनजाति के लोगों को आजीविका उन्नयन गतिविधियों से जोड़ा जाएं : राम विचार नेताम
कोरबा : मरीज के लिये डॉक्टरों ने समय से लड़ी जंग, ज़िंदगी को मिला नया सवेरा