पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कैमूर की मोहनियां सीट से राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन और घोसी सीट से राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी (रालोजपा) के उम्मीदवार राकेश कुमार सिंह का नामांकन पत्र रद्द होने का मामला अब पटना हाई कोर्ट पहुँच गया है। उम्मीदवारों ने अपने नामांकन को गलत तरीके से रद्द किए जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को ही सुनवाई करने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता अवनीश कुमार द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि निर्वाची पदाधिकारी ने कानून को ताक पर रखकर दोनों उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को गलत तरीके से रद्द किया है।
राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन
इनका नामांकन पत्र जाति प्रमाण पत्र से संबंधित त्रुटि के कारण रद्द किया गया था। रालोजपा उम्मीदवार राकेश कुमार सिंह का नामांकन पत्र आपराधिक इतिहास के बारे में दी गई जानकारी में अनिवार्य रूप से टिक (TICK) न लगाने की तकनीकी त्रुटि के कारण रद्द हुआ। दोनों उम्मीदवारों ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी। न्यायमूर्ति ए अभिषेक रेड्डी की एकलपीठ ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए शनिवार को सुनवाई का आदेश दिया है। यह ध्यान देने योग्य है कि चुनाव को देखते हुए पटना हाई कोर्ट शनिवार को भी खुला रहेगा।
सीटों का इतिहास
इन दो प्रमुख सीटों पर उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होना बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। दोनों ही पार्टियों ने इसे चुनाव प्रक्रिया में धांधली का आरोप बताते हुए न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मोहनियां सीट (कैमूर), यह सीट राजद के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद की संगीता देवी यहाँ से विजयी हुई थीं (61,235 वोट)। बीजेपी के निरंजन राम दूसरे स्थान पर रहे थे। कैमूर जिले की चारों सीटों पर इस बार राजद ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होना राजद के चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकता है।
रालोजपा उम्मीदवार ने की अपील
घोसी सीट, इस सीट पर 2020में सीपीआई-माले के रामबली यादव ने जदयू के राहुल कुमार को 15 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। रालोजपा के राकेश कुमार सिंह का नामांकन रद्द होने से पार्टी के समीकरण बिगड़ गए हैं। कोर्ट के फैसले का इंतजार सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं को है। यह देखना दिलचस्प होगा कि हाई कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और यदि नामांकन बहाल होता है तो इसका चुनाव पर क्या असर पड़ता है, खासकर तब जब चुनाव प्रचार अपने चरम पर है।
राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन
इनका नामांकन पत्र जाति प्रमाण पत्र से संबंधित त्रुटि के कारण रद्द किया गया था। रालोजपा उम्मीदवार राकेश कुमार सिंह का नामांकन पत्र आपराधिक इतिहास के बारे में दी गई जानकारी में अनिवार्य रूप से टिक (TICK) न लगाने की तकनीकी त्रुटि के कारण रद्द हुआ। दोनों उम्मीदवारों ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी। न्यायमूर्ति ए अभिषेक रेड्डी की एकलपीठ ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए शनिवार को सुनवाई का आदेश दिया है। यह ध्यान देने योग्य है कि चुनाव को देखते हुए पटना हाई कोर्ट शनिवार को भी खुला रहेगा।
सीटों का इतिहास
इन दो प्रमुख सीटों पर उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होना बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। दोनों ही पार्टियों ने इसे चुनाव प्रक्रिया में धांधली का आरोप बताते हुए न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मोहनियां सीट (कैमूर), यह सीट राजद के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद की संगीता देवी यहाँ से विजयी हुई थीं (61,235 वोट)। बीजेपी के निरंजन राम दूसरे स्थान पर रहे थे। कैमूर जिले की चारों सीटों पर इस बार राजद ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होना राजद के चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकता है।
रालोजपा उम्मीदवार ने की अपील
घोसी सीट, इस सीट पर 2020में सीपीआई-माले के रामबली यादव ने जदयू के राहुल कुमार को 15 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। रालोजपा के राकेश कुमार सिंह का नामांकन रद्द होने से पार्टी के समीकरण बिगड़ गए हैं। कोर्ट के फैसले का इंतजार सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं को है। यह देखना दिलचस्प होगा कि हाई कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और यदि नामांकन बहाल होता है तो इसका चुनाव पर क्या असर पड़ता है, खासकर तब जब चुनाव प्रचार अपने चरम पर है।
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