नई दिल्ली: इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने थिएटर कमांड के फायदे गिनाते हुए थिएटराइजेशन को बहुत जरूरी बताया। दिलचस्प है कि कुछ दिन पहले ही एयरफोर्स चीफ ने कहा था कि थिएटर कमांड जैसे नए ढांचे की जरूरत नहीं है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि जब हम लड़ाई लड़ते हैं तब आर्मी अकेले नहीं लड़ती। बॉर्डर पर बीएसएफ हमारे साथ होती है, आईटीबीपी होती है। ट्राई सर्विस की डिफेंस साइबर एजेंसी, डिफेंस स्पेस एजेंसी होती है।
उन्होंने आगे कहा कि अभी तो हम कॉग्नेटिव वॉरफेयर एजेंसी की भी बात कर रहे हैं। इसके अलावा इंटेलिजेंस एजेंसी, इसरो, सिविल डिफेंस, सिविल एविएशन, रेलवे, एनसीसी है। बहुत सी एजेंसियों को साथ काम करना होता है इसलिए थिएटराइजेशन जरूरी है। एक ही कमांडर चाहिए ताकि तालमेल बैठे और इसलिए थिएटराइजेशन बहुत जरूरी है। एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पिछले महीने ही कहा था कि फिलहाल हमें निचले स्तर पर किसी नए ढांचे (थिएटर कमांड) की जरूरत नहीं है।
बेहतर तालमेल के लिए जरूरी है ये कामअभी इंडियन आर्मी की 7, एयरफोर्स की 7 और नेवी की 3 कमांड हैं। इन्हें मिलाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने पर काम हो रहा है। बेहतर तालमेल और संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए थिएटर कमांड की जरूरत काफी वक्त से बताई जा रही थी। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन में भी थिएटर कमांड हैं। चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड के पास भारत बॉर्डर की जिम्मेदारी है। भारत में अलग अलग कमांड स्ट्रक्चर हैं, जो अलग अलग अधिकारी के अंडर आते हैं। थिएटर कमांड के पक्ष में ये दलील दी गई कि किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए बेहतर कॉर्डिनेशन बेहद जरूरी होता है। थिएटर कमांड बन जाने से बेहतर कॉर्डिनेशन होगा, बेहतर प्लानिंग होगी और मिलिट्री ऑपरेशंस बेहतर हो पाएंगे साथ ही लागत में भी कमी आएगी।
जानिए बनाई जानी है कितनी थिएटर कमांडथिएटर कमांड बनाने की प्रक्रिया जनवरी 2020 में पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति के साथ शुरू हुई थी। इस पर कई दौर की चर्चाएं हुईं और कुछ प्रगति भी हुई है। फिर 30 सितंबर 2022 को जनरल अनिल चौहान ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभाला और थिएटर कमांड के नए प्रस्ताव पर बात होने लगी। मौजूदा प्रस्ताव जिस पर काम हो रहा है उसके मुताबिक कुल तीन थिएटर कमांड बननी हैं। एक पाकिस्तान बॉर्डर के अपोजिट एक चीन बॉर्डर के अपोजिट और एक मेरीटाइम कमांड।
उन्होंने आगे कहा कि अभी तो हम कॉग्नेटिव वॉरफेयर एजेंसी की भी बात कर रहे हैं। इसके अलावा इंटेलिजेंस एजेंसी, इसरो, सिविल डिफेंस, सिविल एविएशन, रेलवे, एनसीसी है। बहुत सी एजेंसियों को साथ काम करना होता है इसलिए थिएटराइजेशन जरूरी है। एक ही कमांडर चाहिए ताकि तालमेल बैठे और इसलिए थिएटराइजेशन बहुत जरूरी है। एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पिछले महीने ही कहा था कि फिलहाल हमें निचले स्तर पर किसी नए ढांचे (थिएटर कमांड) की जरूरत नहीं है।
बेहतर तालमेल के लिए जरूरी है ये कामअभी इंडियन आर्मी की 7, एयरफोर्स की 7 और नेवी की 3 कमांड हैं। इन्हें मिलाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने पर काम हो रहा है। बेहतर तालमेल और संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए थिएटर कमांड की जरूरत काफी वक्त से बताई जा रही थी। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन में भी थिएटर कमांड हैं। चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड के पास भारत बॉर्डर की जिम्मेदारी है। भारत में अलग अलग कमांड स्ट्रक्चर हैं, जो अलग अलग अधिकारी के अंडर आते हैं। थिएटर कमांड के पक्ष में ये दलील दी गई कि किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए बेहतर कॉर्डिनेशन बेहद जरूरी होता है। थिएटर कमांड बन जाने से बेहतर कॉर्डिनेशन होगा, बेहतर प्लानिंग होगी और मिलिट्री ऑपरेशंस बेहतर हो पाएंगे साथ ही लागत में भी कमी आएगी।
जानिए बनाई जानी है कितनी थिएटर कमांडथिएटर कमांड बनाने की प्रक्रिया जनवरी 2020 में पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति के साथ शुरू हुई थी। इस पर कई दौर की चर्चाएं हुईं और कुछ प्रगति भी हुई है। फिर 30 सितंबर 2022 को जनरल अनिल चौहान ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभाला और थिएटर कमांड के नए प्रस्ताव पर बात होने लगी। मौजूदा प्रस्ताव जिस पर काम हो रहा है उसके मुताबिक कुल तीन थिएटर कमांड बननी हैं। एक पाकिस्तान बॉर्डर के अपोजिट एक चीन बॉर्डर के अपोजिट और एक मेरीटाइम कमांड।
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