नई दिल्ली: दिल्ली में 16 अप्रैल से एक बार फिर लू चलने की संभावना जताई गई है। लू दिन और रात दोनों समय महसूस होगी। ऐसे में खुद को डीहाइड्रेशन से बचाने के लिए लोग फलों खासकर तरबूज, आम, अंगूर जैसे फलों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इन फलों में खतरनाक केमिकल की मौजूदगी आपको बीमार बना सकती है।तमिलनाडु में FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने हाल ही में लगभग 2200 किलो तरबूज जब्त किए हैं। खुलेआम बिक रहे इन तरबूजों में फंगस, चूहों के काटने के निशान पाए गये। इसके बाद गर्मियों में तरबूज में मिलावट की आशंका को लेकर FSSAI ने लोगों को सलाह दी है कि तरबूज खरीदते समय सावधानी बरतें। केमिकल वाले तरबूज की पहचान के लिए एक सिंपल टेस्ट भी FSSAI ने बताया है। मार्केट में आ रहे केमिकल वाले फलFSSAI के अनुसार, केमिकल युक्त और खराब तरबूज खाने से बीमारियां फैल सकती हैं। लोग तरबूज को ज्यादा लाल और मीठा दिखाने के लिए उसमें खतरनाक रंग मिला रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग तरबूज को जल्दी पकाने के लिए उसमें कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। FSSAI ने फल बेचने वालों के लिए भी चेतावनी जारी कि है कि वे कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल न करें। खासतौर पर आम और तरबूत को पकाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर कोई ऐस करता है तो उसके खिलाफ FSS Act 6 के तहत कार्रवाई की जाएगी। किस तरह की मिलावट हो रही है तरबूज मेंतरबूज को ज्यादा लाल दिखाने के लिए उसमें नकली लाल रंग मिलाया जाता है। इसे एंथ्रेसिन कहा जाता है। यह कोल तार से बनाया जाता है और यह कैंडी, बेक्ड फूड, ड्रिंक और कुछ अन्य दवाइयों में भी इस्तेमाल होता है। इसके इस्तेमाल से स्किन में खुजली या लाल चकत्ते हो सकते हैं। पेट दर्द या उल्टी की समस्या के साथ इसका थायराइड पर भी बुरा असर पड़ता है। कैसे करें पहचान?FSSAI ने एक विडियो जारी किया है। इसमें तरबूज में केमिकल की पहचान का पता लगाने के लिए आसान टेस्ट बताया गया है। इसमें बताया गया है कि तरबूज को दो टुकड़ों में बीच से काटें। फिर एक कॉटन (रूई) का टुकड़ा लेकर उसके लाल गूदे पर रगडें। अगर रूई पर लाल रंग लगा है तो इसका मतलब है कि उसमें रंग के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया गया है। तरबूज या अन्य फल के ऊपर यदि सफेद धूल या पाउडर दिखता है तो वह असल में कार्बाइड हो सकता है। कार्बाइड आम तौर पर तरबूज, आम और केले जैसे फलों को जल्दी पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।केमिकल से पके हुए आम अक्सर अस्वभाविक रूप से चमकीले पीले या एक जैसे रंग वाले होते हैं। नैचुरल तरीके से पके हुए आम का छिलका हल्का चिकना और थोड़ा लचीला होता है।
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डीहाइड्रेशन से बचने के लिए फलों के साथ केमिकल तो नहीं ले रहे आप? तरबूज का मजा लेने से पहले पढ़ें ये खबर
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