इस्लामाबाद: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुआ सैन्य टकराव चार दिनों बाद युद्धविराम के साथ रुक गया, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव शांत नहीं हुआ है। भारत ने साफ कर दिया है कि पहलगाम जैसा कोई भी आतंकी हमला अब सीधे युद्ध माना जाएगा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत अब आतंकियों और उन्हें संरक्षण देने वालों को अलग-अलग करके नहीं देखेगा। भारत के साथ सैन्य टकराव में पाकिस्तान का साथ उसके दोस्त चीन ने दिया था, जो बीजिंग के लिए किरकिरी की वजह बन गया है। पाकिस्तानी सेना चीनी हथियारों और एयर डिफेंस के सहारे बैठी थी, लेकिन भारतीय वायु सेना ने उसकी वायु रक्षा प्रणाली को जाम करके पाकिस्तान को लाचार कर दिया। इस बीच रिपोर्ट है कि चीन-पाकिस्तान अब कश्मीर से अपना ध्यान हटाकर भारत की पूर्वी सीमा पर केंद्रित कर रहे हैं। सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। मोहम्मद यूनुस ने खोले दरवाजेशेख हसीना के रहते चीन-पाकिस्तान के इस गठजोड़ में शामिल होने से बांग्लादेश ने दूरी बना रखी लेकिन मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में इस्लामिक कट्टरपंथ के उभार और आर्थिक दबाव ने बाहरी हस्तक्षेप के लिए जमीन तैयार कर दी है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने इसी साल मार्च में बांग्लादेश को पूर्वोत्तर के भारतीय राज्यों के लिए समुद्र का एकमात्र संरक्षक बताया था। उन्होंने सुझाव दिया था कि यह चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है। पाकिस्तान रच रहा है खेलहाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि बांग्लादेश में चीनी हितों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान यूनुस का इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान सोच रहा है कि पूर्व में उलझाकर वह भारत का ध्यान कश्मीर से हटा सकता है। पाकिस्तान की इस योजना में बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान रोड़ा बन रहे हैं। इससे निपटने के लिए पाकिस्तानी सेना की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई एक्टिव हो गई है। न्यूज 18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आईएसआई बांग्लादेश के सेना प्रमुख को हटाने के लिए साजिश रच रही है। हालांकि, सेना के अधिकांश कमांडर जनरल जमान के साथ बने हुए हैं, जो आईएसआई के लिए बड़ी मुश्किल है। इसी साल जनवरी के आखिर में चार वरिष्ठ आईएसआई अधिकारियों ने ढाका का दौरा किया था, जिसकी अगुवाई आईएसआई चीफ और पाकिस्तान के नवनियुक्त एनएसए लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक ने की थी। भारत के खिलाफ चीन भी एक्टिवइसके साथ ही चीन बांग्लादेश में भारत के व्यापार प्रभुत्व को कम करने की कोशिश कर रहा है। बांग्लादेश को अपनी तरफ लाने के लिए चीन कपड़ा और मशीनरी समेत कम लागत वाले चीनी आयातों की पेशकश कर रहा है। इसके लिए चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान की आईएसआई बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों को भारत विरोधी बयानबाजी के लिए धन मुहैया कराने का आरोप है। पूर्वोत्तर में आग भड़काने की कोशिशआईएसआई की कोशिश भारत के पूर्वी हिस्से पर सीमा पार अशांति भड़काना है। बांग्लादेश में मौजूद अपने पाले गुर्गों के माध्यम से पाकिस्तान पूर्वोत्तर भारत में विद्रोही गुटों को फिर से सक्रिय कर रहा है। इसमें मोहम्मद यूनुस प्रशासन उसकी मदद कर रहा है। हाल ही में त्रिपुरा और असम में पाकिस्तानी मूल के हथियारों की जब्ती हुई है, जो पाकिस्तानी डीप स्टेट के सक्रिय होने का संकेत देती है।
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