रेडिट यूजर ने बताया कि कैसे वे दिल्ली के अंदर ही एक घर खरीदना चाहते थे, सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके माता-पिता आज भी नोएडा या गाजियाबाद को 'अच्छा इलाका' नहीं मानते। लेकिन रियलिटी ने उन्हें झटका दे दिया।
रेडिट पोस्ट हो रही है वायरल
Delhi real estate is beyond the reach of a middle-class salary person, salary wale toh bhul hi jao
by u/Brown_jamun in indianrealestate
दिल्ली में प्रॉपर्टी लेना मध्य वर्ग के बस में!
शख्स ने अपनी पोस्ट में लिखा - दिल्ली में प्रॉपर्टी अब मध्यम वर्ग की पहुंच से बाहर हो चुकी है, सैलरी वालों का तो सपना देखना भी फिजूल है।हाल ही में मेरे परिवार ने मुझसे दिल्ली में घर देखने को कहा। उनका पुराना नजरिया है कि गाजियाबाद या नोएडा में रहना ठीक नहीं होता, इसलिए मुझे सिर्फ दिल्ली के भीतर ही घर खोजना पड़ा। लेकिन जो हकीकत सामने आई, उसने होश उड़ा दिए- ईस्ट दिल्ली:IP एक्सटेंशन की एक गेटेड कॉलोनी में 3BHK फ्लैट की कीमत शुरू होती है 1.8 करोड़ से।कृष्णा नगर में 3BHK के लिए 95 लाख से 1.8 करोड़ तक देना होगा।लक्ष्मी नगर तो लोगों की लिस्ट में ही नहीं आता, क्योंकि उसकी छवि अब भी काफी खराब मानी जाती है।साउथ दिल्ली:सीआर पार्क में 3BHK की कीमत सीधा 4.5 करोड़ है—कोई मज़ाक नहीं।खोजते-खोजते एक 4BHK फ्लैट भी देखा जिसकी कीमत 6.5 करोड़ थी, पर admittedly प्रॉपर्टी शानदार थी।नॉर्थ दिल्ली:मॉडल टाउन में 3BHK के लिए 2.5 करोड़ लगते हैं।नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में भी रेट 1.9 से 2.5 लाख प्रति वर्ग गज तक पहुंच चुके हैं।मैं बस नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से निकलना चाहता हूं, लेकिन घर खरीदना अब बेहद मुश्किल हो गया है। हमारे पास वहां एक पुश्तैनी मकान है जिसकी कीमत 2 करोड़ से ज्यादा है और एरिया भी बड़ा है, पर परिवार उसे बेचना नहीं चाहता।मां-बाप डाउन पेमेंट में मदद कर देंगे, लेकिन EMI और बाकी खर्चों की जिम्मेदारी मेरी होगीं और सीधी बात है कि ये 1 करोड़ तक का कर्ज होगा।एक बड़े घर से निकलकर करोड़ों में एक फ्लैट लेना मेरे लिए नाइंसाफी जैसा लगता है, लेकिन क्या ही कर सकते हैं अब?
लोगों ने क्या कहा?
इस Reddit पोस्ट ने जैसे हजारों दिलों की गिरह खोल दी। किसी ने कहा- साउथ दिल्ली अब सिर्फ अरबपतियों के लिए है। तो किसी और ने लिखा – हम तो बस एक ठीकठाक घर चाहते हैं, वो भी अब करोड़ों में आता है। एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा - हम मिडिल क्लास लोग किराए पर पैदा होते हैं और EMI में मर जाते हैं।
सपना वही है, लेकिन कीमत अब सपनों से भी ऊपर चली गईं!
हालांकि बजट में टैक्स छूट और किफायती आवास के लिए योजनाएं घोषित की गईं, लेकिन जब बाजार में कीमतें 49% तक बढ़ चुकी हों और प्रति स्क्वायर फीट रेट 8,105 रुपये तक पहुंच जाए... तो वह राहत रेत में पानी जैसी लगती है। ये कहानी सिर्फ एक Reddit यूजर की नहीं, बल्कि पूरे मिडल क्लास की है! वह वर्ग जो मेहनत करता है, टैक्स भरता है और फिर भी एक 'घर' के सपने से कोसों दूर खड़ा है।कभी घर को 'जीवन की स्थिरता' कहा जाता था। आज वो ही घर, एक 'स्थायी कर्ज' बन गया है। और शायद यही आज के मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी त्रासदी है – सपना वही है, लेकिन कीमत अब सपनों से भी ऊपर चली गई है। क्या आपके पास भी ऐसी कोई कहानी है? नीचे कमेंट में बताइए – क्या आपने भी दिल्ली में घर खरीदने की कोशिश की है?
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