Education
Next Story
Newszop

कनाडा में विदेशी छात्रों को नौकरी मिलना हुआ मुश्किल, किस वजह से गहराया संकट? यहां जानें

Send Push
Jobs in Canada For Indians: कनाडा भारतीय छात्रों के बीच एक पॉपुलर स्टडी डेस्टिनेशन बना हुआ है। भारत संग बिगड़े रिश्तों और आर्थिक अनिश्चतताओं के बाद भी भारतीय छात्र कनाडा पढ़ने जा रहे हैं। हालांकि, कनाडा समेत विदेश में पढ़ना काफी ज्यादा महंगा होता है, जिसकी वजह से छात्रों को पार्ट-टाइम नौकरियां करनी पड़ती हैं। अगर कोई स्कॉलरशिप पर भी विदेश पढ़ने जाता है तो उसे वहां होने वाले खर्चों को निकालने के लिए पार्ट-टाइम करना ही पड़ता है। मगर इन दिनों कनाडा में भारतीयों समेत विदेशी छात्रों को पार्ट-टाइम नौकरी ढ़ूंढने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वैसे तो कनाडा में पार्ट-टाइम नौकरी करने के नियम काफी ज्यादा सीधे हैं, लेकिन उनका उल्लंघन करने पर आपका स्टडी परमिट रद्द हो सकता है और आपकी पढ़ाई छूट सकती है। इसकी एक प्रमुख वजह तो वहां के आर्थिक हालात हैं, लेकिन एक वजह ये है भी कि छात्रों को मालूम ही नहीं है कि नौकरी के लिए किस तरह से अप्रोच करना है। विदेशी छात्रों के लिए कनाडा में पार्ट-टाइम नौकरी के नियम क्या हैं?कनाडा में पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्र वहां काम करने के लिए एलिजिबिल होते हैं। हालांकि, 'ऑन' और 'ऑफ' कैंपस काम करने के लिए अलग-अलग नियम हैं। कैंपस में काम करने का मतलब स्टूडेंट की यूनिवर्सिटी या कॉलेज की इमारतों के भीतर मिलने वाली नौकरियों से है। वहीं ऑफ कैंपस काम करने का मतलब उस शहर में कहीं भी मिलने वाली नौकरी से है, जहां स्टूडेंट का यूनिवर्सिटी या कॉलेज मौजूद है।छात्रों को बिना वर्क परमिट ऑफ कैंपस काम करने की इजाजत दी जाती है। मगर इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है, जो नीचे बताई गई हैंः
  • स्टूडेंट किसी भी यूनिवर्सिटी-कॉलेज का फुल-टाइम छात्र होना चाहिए।
  • स्टूडेंट पोस्ट-सेकेंडरी एकेडमिक, वोकेशनल या प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रेग्राम, या सेकेंडरी लेवल वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम (केवल क्यूबेक) में पढ़ाई कर रहा हो।
  • कनाडा में काम करने के लिए स्टूडेंट का कोर्स कम से कम 6 महीने की अवधि वाला हो, जिसके लिए उसे डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेशन मिलेगा।
  • स्टूडेंट को ऑफ कैंपस काम करने के लिए उसकी पढ़ाई का शुरू होना जरूरी है।
  • स्टूडेंट के पास सोशल इंश्योरेंस नंबर (SIN) होना चाहिए।
आमतौर पर, विदेश छात्र हफ्ते में 24 घंटे तक ऑफ कैंपस काम कर सकते हैं। आधिकारिक ब्रेक के दौरान या अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें फुल-टाइम काम करने की इजाजत है। बशर्ते उन्होंने एक नॉन-स्टूडेंट वर्क परमिट के लिए आवेदन किया हो। हालांकि, तय किए गए वर्किंग आवर से ज्यादा काम करना स्टडी परमिट शर्तों का उल्लंघन माना जाता है। इससे किसी को दिए गए स्टूडेंट का दर्जा समाप्त हो सकता है। इसकी वजह से भविष्य में स्टडी या वर्क परमिट हासिल करना मुश्किल हो जाता है। कनाडा में नौकरी खोजने में छात्रों को क्या परेशानी आ रही है? काम की शर्तों के बारे में पता नहीं होना: कई छात्र इस धारणा के साथ ऑफ-कैंपस पार्ट-टाइम नौकरी की तलाश करते हैं कि उनके देश की तरह ही कनाडा में भी जॉब प्रोसेस होगा। उदाहरण के लिए कनाडा में कंपनियां आमतौर पर ट्रांसफर होने योग्य या सॉफ्ट स्किल पर जोर देती हैं, जबकि भारत में छात्र की अकादमिक योग्यता देखी जाती है। इस वजह से छात्र कंपनियों की जरूरतों के हिसाब से अपना रिज्यूमें तैयार नहीं कर पाते हैं। स्किल डेवलपमेंट को लेकर अनिश्चितता: छात्रों के सामने एक और समस्या यह है कि उन्हें ये मालूम ही नहीं है कि कनाडा में काम करने के लिए उन्हें किन स्किल की जरूरत है और उसे कैसे हासिल किया जा सकता है। ऐसे में उन्हें कई बार पार्ट-टाइम नौकरी ही नहीं मिल पाती है। स्किल पर काम करना बेहद जरूरी होता है। ज्यादातर देशों में इस पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है। कनाडा का एक्सपीरियंस: ज्यादातर कंपनियां उन लोगों को काम पर रखना चाहती हैं, जिनके पास पहले से ही कनाडा का एक्सपीरियंस है। कंपनियों का मानना है कि कुछ खास ज्ञान और स्किल कनाडा में काम करके ही मिलता है। ऐसे में सिर्फ उन्हें ही नौकरी पर रखा जाए, जिनके पास पहले से ही ये स्किल मौजूद है। इस वजह कई बार योग्य छात्रों को भी पार्ट-टाइम नौकरी नहीं मिल पाती है, भले ही उनके पास जरूरी स्किल ही क्यों ना हो। कंपनियों को किन स्किल की जरूरत है?हम आपको उन पांच स्किल्स के बारे में बताते हैं, जो कनाडा की कंपनियां अक्सर पार्ट-टाइम नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले छात्रों से चाहती हैं। कम्युनिकेशन स्किल: किसी भी नौकरी के लिए लिखने और बोलने की कम्युनिकेशन स्किल बेहद ही जरूरी होती है। कंपनियां ऐसे छात्रों की तलाश में रहती हैं, जो वर्कप्लेस में खुद को साफ तौर पर और प्रोफेशनल तरीके से पेश कर पाएं। कस्टमर सर्विस: रिटेल, हॉस्पिटेलैटी और फूड सर्विस सेक्टर में नौकरी देने वाली कंपनियां ऐसे छात्रों को नौकरी पर रखना पसंद करती हैं, जिनके पास बेहतरीन कस्टमर सर्विस मुहैया कराने की क्षमता हो। कंपनी ऐसे छात्रों को नौकरी पर रखना पसंद करती है, जो ग्राहकों की जरूरतों और शिकायतों को निपटा सके। टीम वर्क: कंपनियां उन छात्रों को बहुत महत्व देती हैं, जो दूसरों के साथ अच्छी तरह से सहयोग कर सकते हैं। टीम वर्क में काम करने के दौरान अपना योगदान दे सकते हैं। साथ ही साथ टीम के साथ सामंजस्य बैठा पाते हैं। प्रॉबल्म सॉल्विंग: कनाडा की कंपनियां पार्ट-टाइम नौकरी पर विदेशी छात्रों को रखने के दौरान उनकी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को भी देखती हैं। वह ऐसे उम्मीदवार को प्राथमिकता देती हैं, जो चुनौतियों का समाधान जल्द से जल्द खोज पाए। फ्लेक्सिबिलिटी: बदलती परिस्थितियों के अनुकूल होने और कई तरह के कार्यों को संभालने की क्षमता पार्ट-टाइम नौकरियों में जरूरी होता है। वर्किंग आवर, शिफ्ट और नौकरी की जिम्मेदारियों को लेकर फ्लेक्सिबल रहने वाले छात्रों को ही नौकरी में प्राथमिकता दी जाती है।
Loving Newspoint? Download the app now