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ना पढ़ने आ रहे स्टूडेंट्स, ना काम करने आते स्किल वर्कर्स...ब्रिटेन से हुआ सबका मोहभंग! जानें वजह

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UK Study-Work Visa: ब्रिटेन एक वक्त अपनी क्वालिटी एजुकेशन के लिए दुनियाभर में जाना जाता था। आज भी यहां दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं। मगर अब छात्रों का ब्रिटेन से मोहभंग होना शुरू हो गया है। हाल ही में सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटेन में विदेशी छात्रों को जारी होने वाले स्टडी वीजा की संख्या कम हो रही है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन में लोग अब काम करने से भी कतरा रहे हैं। वर्क वीजा की संख्या में भी गिरावट देखने को मिली है। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने हाल ही में जून 2024 में खत्म हुए साल को लेकर इमिग्रेशन डाटा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि सरकार की तरफ से 11 लाख वीजा जारी किए गए हैं, जो वर्क, स्टडी और डिपेंडेंट कैटेगरी में हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि प्रमुख वीजा कैटेगरी में पिछले साल के मुकाबले गिरावट हुई है। वर्क वीजा के लिए आवेदकों की संख्या में 11 फीसदी और विदेशी छात्रों को दिए जाने वाले स्टडी वीजा में 13 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वर्क वीजा में गिरावट की वजह? जून 2024 को समाप्त वर्ष में सभी वर्क वीजा कैटेगरी में 286,382 लोगों को वर्क वीजा दिए गए। यह पिछले वर्ष की तुलना में 11% की गिरावट को दिखाता है। सबसे प्रमुख गिरावट 'हेल्थकेयर वर्कर' वीजा में हुई है, जहां सिर्फ 89,095 लोगों को ही वीजा मिला है। पिछले साल के मुकाबले इसमें 26% गिरावट हुई है। 'स्किल वर्कर' कैटेगरी के वीजा में भी 3% की गिरावट हुई है, जहां मुख्य आवेदकों को सिर्फ 88,653 वीजा मिले हैं। विदेशी वर्कर कुछ खास वजहों से ब्रिटेन में जाने से कतरा रहे हैं।ब्रिटिश सरकार ने हाल के दिनों में अपने वीजा नियमों को काफी ज्यादा कड़ा किया है। डिपेंडेंट वीजा के जरिए परिवार के सदस्यों को लाना और भी मुश्किल होता जा रहा है। ऊपर से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था भी इन दिनों हिचकोले खा रही है, जिसकी वजह से भारतीयों समेत अन्य देशों के कामगार दूसरे मुल्कों का रुख कर रहे हैं। ब्रिटेन में बढ़ी महंगाई भी लगातार स्किल वर्कर्स को चिंतित कर रही है। इस वजह से वे उन मुल्कों में जा रहे हैं, जहां आर्थिक हालात बेहतर हैं। स्टडी वीजा में भी हुई गिरावटजून 2024 को समाप्त वर्ष में विदेशी छात्रों को 4,32,225 स्पांसर्ड स्टडी वीजा दिए गए, जो पिछले साल की तुलना में 13% कम रहा। जिन छात्रों को स्टडी वीजा मिला है, उसमें से दो-तिहाई मास्टर की पढ़ाई करने ब्रिटेन आए हैं। स्टूडेंट्स के डिपेंडेंट (परिवार के सदस्यों) को वीजा जारी करने में भी भारी गिरावट देखने को मिली है। जनवरी और जून 2024 के बीच स्टूडेंट्स के डिपेंडेंट को सिर्फ 11,675 वीजा जारी किए गए, जिसमें 2023 की इसी अवधि की तुलना में 81% की कमी है।स्टूडेंट्स भी ब्रिटेन के अनिश्चित माहौल की वजह से यहां की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन से कतरा रहे हैं। हाल ही में कई यूनिवर्सिटीज ने खुलकर कहा कि उनके यहां छात्रों के एडमिशन में गिरावट देखने को मिली है। ज्यादातर छात्र ब्रिटेन में बढ़ी महंगाई और नौकरी की कम संभावना की वजह से पढ़ने नहीं जा रहे हैं। इसके बजाय जर्मनी, इटली और अमेरिका जैसे देशों का रुख करने वाले विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ रही है।
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