राजस्थान का एक लड़का
कानपुर में एडिशनल पुलिस कमिश्नर, फायर सर्विस में डीआईजी और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, प्रयागराज जैसे जरूरी पदों पर काम कर चुके IPS अफसर आकाश कुलहरि की कहानी सभी स्टूडेंट्स के लिए एक मिसाल है। राजस्थान के बीकानेर जिले में पले बढ़े आकाश की स्कूली शिक्षा भी वहीं से हुई।
राजस्थान का एक लड़का

साल 1996 में उन्होंने 10वीं की परीक्षा 57% अंकों के साथ पास की। इस वजह से उनके स्कूल ने उन्हें निकाल दिया और दोबारा एडमिशन नहीं दिया। मीडिया से एक बातचीत में आकाश कुलहरि ने बताया था, 'मुझे 10वीं के रिजल्ट के बाद स्कूल से निकाल दिया गया था। लेकिन, मैंने हार नहीं मानी। बल्कि, मैंने कड़ी मेहनत की और सफलता हासिल की।'
केंद्रीय विद्यालय में हुआ एडमिशन
कक्षा 10वीं की परीक्षा में खराब प्रदर्शन के बाद, आकाश कुलहरि के पिता ने उनका एडमिशन केंद्रीय विद्यालय, बीकानेर में करा दिया। इस बार उन्होंने अपनी 12वीं बोर्ड परीक्षा केलिए कड़ी मेहनत की और 85% अंक प्राप्त किए। उन्होंने अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराया।
ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन
अपनी स्कूली शिक्षा के बाद, उन्होंने 2001 में डूग्गल कॉलेज बीकानेर से बी.कॉम (B.Com) किया। फिर उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी JNU दिल्ली के स्कूल ऑफ सोशल साइंस से एम.कॉम (M.Com) किया।
19 साल पहले पहली कोशिश में क्रैक की UPSC परीक्षा
आकाश कुलहरि ने एम.कॉम (M.Com) पूरा करते समय ही UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। साल 2006 में, उन्होंने पहली ही कोशिश में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली। इससे पहले साल 2005 में उन्होंने JNU से एम.फिल (M.Phil) भी किया। बतौर IPS वह लंबे समय से अलग-अलग पदों पर काम कर रहे हैं।
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