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देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के हाइड्रोजन बम बयान पर साधा निशाना

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राजनीतिक गलियारे में हाइड्रोजन बम को लेकर राहुल गांधी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। हाल ही में सीएम फडणवीस ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने राहुल के उस बयान को ‘फुसकी बम’ बताया, जिसमें राहुल ने हाइड्रोजन बम को लेकर भारत सरकार पर सवाल उठाए थे। फडणवीस के इस तंज ने राजनीति के पारा को और भी ऊपर उठा दिया है।

फडणवीस का हमला

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हाइड्रोजन बम में कोई आवाज नहीं होती, लेकिन राहुल गांधी ने जिस तरीके से इस मुद्दे को उठाया वह पूरी तरह से निराधार और भ्रामक था। उन्होंने इस बयान को राजनीति से प्रेरित करार दिया और कहा कि राहुल गांधी देशहित के बजाय केवल सियासी फायदे की सोच रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि हाइड्रोजन बम को लेकर जितनी गंभीरता होनी चाहिए थी, उसे राहुल गांधी ने मज़ाक में बदल दिया।

सीएम ने कहा, “हाइड्रोजन बम कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिससे धमाका सुनाई दे, लेकिन राहुल गांधी ने इसे लेकर जो सवाल खड़े किए, वे फुसकी बम की तरह थे जो केवल शोर मचाते हैं लेकिन कोई असर नहीं करते।”

राहुल गांधी के बयान पर सवाल

राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की हाइड्रोजन बम परीक्षणों को लेकर कई सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि देश की सुरक्षा के मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए और इस प्रकार की मिसाइल तकनीक को लेकर जनता को सही जानकारी दी जानी चाहिए। राहुल ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या सच में भारत ने हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया है या यह केवल दावा भर है।

राजनीति और राष्ट्र सुरक्षा के बीच टकराव

राजनीतिक दलों के बीच राष्ट्र सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर यह टकराव काफी अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश के अंदर ऐसे मुद्दों को लेकर आपसी समझौता और संयम जरूरी है ताकि देश की छवि कमजोर न हो। लेकिन वर्तमान में दोनों पक्षों की बयानबाजी ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है।

विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप

सीएम फडणवीस ने राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में भ्रम फैलाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी से विदेशी शत्रु भी भारत के खिलाफ माहौल बना सकते हैं। वहीं कांग्रेस ने भी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सुरक्षा मामलों में पारदर्शिता नहीं बरत रही और जनता को गुमराह किया जा रहा है।

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