बच्चों की डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट ChatGPT में अब एक नई और महत्वपूर्ण सुविधा जोड़ी जा रही है। ओपनएआई (OpenAI) ने घोषणा की है कि वह जल्द ही ऐसा फीचर लॉन्च करने जा रहा है, जिससे माता-पिता अपने बच्चों की चैट गतिविधियों पर निगरानी रख सकेंगे और किसी भी संवेदनशील या गंभीर बातचीत की स्थिति में उन्हें तुरंत अलर्ट भी भेजा जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों को इंटरनेट पर सुरक्षित वातावरण प्रदान करना और संभावित ऑनलाइन जोखिमों से बचाव करना है। OpenAI के अधिकारियों ने बताया कि यह फीचर खासतौर पर 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बनाए गए अकाउंट्स में लागू होगा, जिनमें पहले से माता-पिता की अनुमति आवश्यक होती है।
नए फीचर के तहत, पैरेंट्स को एक विशेष डैशबोर्ड मिलेगा, जिससे वे देख सकेंगे कि उनके बच्चे ChatGPT से किस प्रकार की बातचीत कर रहे हैं। अगर कोई चैट संवेदनशील विषयों से जुड़ी होती है — जैसे मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-आहत करने वाली सोच, या अनुचित भाषा — तो तुरंत एक रियल-टाइम अलर्ट पैरेंट्स को भेजा जाएगा।
विशेष बात यह है कि यह फीचर किसी भी तरह से बच्चों की निजता का उल्लंघन नहीं करेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि AI के साथ की जा रही बातचीत सुरक्षित, उपयुक्त और सहायक हो। OpenAI ने इस फीचर को विकसित करने में बाल मनोवैज्ञानिकों, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं की सलाह भी शामिल की है।
OpenAI के प्रवक्ताओं के अनुसार, यह सुविधा 2025 के अंत तक चरणबद्ध तरीके से विश्वभर में उपलब्ध कराई जाएगी। सबसे पहले यह अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में लॉन्च होगी, जिसके बाद इसे भारत जैसे विकासशील देशों में भी लाया जाएगा।
भारत में बढ़ती डिजिटल पहुंच और बच्चों के बीच AI टूल्स की लोकप्रियता को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुविधा समय की मांग है। हाल ही में कई मामलों में यह देखा गया कि बच्चे AI चैटबॉट्स से गलत या भावनात्मक रूप से संवेदनशील जानकारी ले रहे हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
पैरेंटिंग विशेषज्ञों ने इस पहल का स्वागत किया है और कहा है कि इससे डिजिटल पैरेंटिंग को एक नया आयाम मिलेगा। जहां एक ओर यह बच्चों की आज़ादी को सुरक्षित रखेगा, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों को आवश्यक जानकारी भी देगा, जिससे वे समय रहते हस्तक्षेप कर सकें।
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