उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पिछले हफ्ते हुई हिंसा के बाद शुक्रवार का जुमा विशेष रूप से महत्वपूर्ण बन गया। आला हजरत दरगाह के वरिष्ठ मौलाना एहसान रजान खान ने स्थानीय मुस्लिमों से अपील की कि नमाज पढ़ने के बाद वे शांति बनाए रखते हुए अपने घर लौटें। उनका उद्देश्य इलाके में तनाव कम करना और अफवाहों से फैलने वाली अशांति को रोकना है।
मौलाना ने कहा कि शुक्रवार की नमाज के बाद हर मुस्लिम को अपने घर की ओर लौटना चाहिए और किसी भी अफवाह या भड़काऊ खबर पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उनका कहना था कि समुदाय के लोग शांति और संयम बनाए रखकर ही इस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं।
अफवाहों से सावधानी बरतने की अपील
आला हजरत दरगाह बरेलवी संप्रदाय का प्रमुख धार्मिक केंद्र माना जाता है और पूरे इलाके में इसका काफी प्रभाव है। मौलाना की यह अपील ऐसे समय में आई है जब 26 सितंबर को शुक्रवार की नमाज के बाद कोतवाली क्षेत्र में एक मस्जिद के बाहर करीब 2,000 लोग जमा हुए थे।
इस घटना की वजह थी “आई लव मोहम्मद” पोस्टर विवाद, जिसके चलते विरोध प्रदर्शन रद्द किए जाने पर अशांति फैल गई थी। प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ टकराव और पथराव जैसी घटनाएँ हुई थीं। यह विरोध प्रदर्शन तौकीर खान द्वारा आयोजित किया गया था।
जुमे की नमाज के दौरान हाई अलर्ट
पिछली हिंसा के बाद बरेली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। अब तक 82 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
जुमे के दिन प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। गुरुवार दोपहर से ही पूरे इलाके में इंटरनेट सेवाओं को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस ने इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ़्लैग मार्च किया और नमाज के दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है।
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