बीकानेर। राजस्थान शिक्षा बोर्ड अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर सख्त हो गया है। अब प्रत्येक सरकारी स्कूल में छात्र की उपस्थिति प्रार्थना सभा में ऐप के जरिये दर्ज की जाएगी और इस काम को कक्षाध्यापक करेंगे। इसके बाद इसे स्कूल के प्रिंसीपल द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
प्रदेश की सरकारी स्कूलों में अब विद्यार्थियों की उपस्थिति ऑनलाइन ऐप से प्रार्थना सभा में ही होगी। प्रार्थना सभा में कक्षा अध्यापक स्कूल में अनुपस्थित विद्यार्थियों का डाटा ऐप में फीड करेंगे तो उपस्थित विद्यार्थियों की हाजिरी अपने आप लग जाएगी। अनुपस्थिति का डाटा दर्ज हो जाएगा। मोबाइल ऐप से कक्षा अध्यापकों को प्रार्थना सभा के दौरान ही यह कार्य करना होगा, क्योंकि कक्षा में मोबाइल ले जाने की पहले से मनाही है।
शिक्षा निदेशक सीताराम जाट के आदेश के अनुसार, संस्था प्रधान से लेकर शाला दर्पण पोर्टल प्रभारी और कक्षा अध्यापक की जिम्मेदारी तय की गई है। कक्षा अध्यापक अपने स्तर पर इस काम को अपने मोबाइल से शाला दर्पण पोर्टल की लॉगिन आईडी से करेगा। इसका शिक्षक संगठनों ने विरोध किया, उनका तर्क है कि इसमें तकनीकी दिक्कतें आएगी।
पालना में संशय
शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार ने विद्यार्थियों की ऐप से उपस्थित के आदेश दिए हैं। राजस्थान के कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं हो पाता। सभी शिक्षकों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं। ऐसे में आदेश की पालना में संशय है।
संस्था प्रधान को मॉनिटरिंग का जिम्मा
शाला प्रधान को शिक्षकों से मोबाइल ऐप डाउनलोड कराना है। शिक्षक ऐप पर हर रोज हाजिरी दर्ज करें। कक्षाध्यापक प्रार्थना सभा के दौरान ही यह कार्य करे व कक्षा में मोबाइल का उपयोग नहीं हो। कक्षाध्यापक की से दर्ज उपस्थिति शाला प्रधान को प्रमाणित करनी होगी। शाला दर्पण, ब्लॉक, जिला और संभाग के अधिकारियों को भी नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी, ताकि ऐप में हर रोज उपस्थित दर्ज हो।
अन्य विभागों में यह व्यवस्था
शिक्षक संगठनों ने कहा कि विद्युत के साथ ही दूसरे कई विभागों में सरकार ने मोबाइल उपलब्ध कराया है। शिक्षकों को भी मोबाइल व इंटरनेट सुविधा दिलाई जाए। अगर सरकार ऐप से हाजिरी लेना चाहती है तो शिक्षकों से ऑफलाइन उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त करें। इससे समय खराब नहीं होगा। शिक्षकों को दो बार उपस्थित नहीं देनी पड़ेगी। जब ऐप से उपस्थिति को लेकर सरकार तथा शिक्षक संगठनों की बैठक हुई थी, तब विभाग ने हर विद्यालय को टेबलेट देने को कहा था। उसके जरिए ही उपस्थित दर्ज कराने की बात कही थी।
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