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सपा नेताओं के बयानों पर मायावती की तीखी प्रतिक्रिया, बोलीं- दलित वर्ग से जुड़े लोगों को आगे कर...

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी के नेताओं के विवादास्पद बयानों पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। हाल ही में सपा सांसद रामजीलाल सुमान और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के बयानों को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। अब मायावती ने भी इन बयानों की निंदा करते हुए सपा पर कड़ा हमला बोला है।

मायावती का सपा पर आरोप

मायावती ने कहा, “विदित है कि अन्य पार्टियों की तरह सपा द्वारा भी, खासकर दलित वर्ग से जुड़े लोगों को आगे कर, तनाव और हिंसा का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। आए दिन इन नेताओं की अति विवादित बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप और कार्यक्रमों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सब घोर संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति का हिस्सा है।”



दलितों को दी चेतावनी

बसपा सुप्रीमो ने कहा, “चूंकि सपा दलित वोटों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, इसलिए दलितों के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समाज को भी इनकी उग्र बयानबाजी और बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्हें इनकी राजनीति का शिकार बनने से बचना चाहिए।”

दलित नेताओं को भी दी सलाह

मायावती ने सपा से जुड़े दलित नेताओं को सलाह देते हुए कहा, “ऐसे अवसरवादी दलित नेताओं को दूसरों के इतिहास पर टिप्पणी करने के बजाय अपने समाज के संतों, गुरुओं और महापुरुषों के संघर्षों और अच्छाइयों को सामने लाना चाहिए। इन्हीं संघर्षों की वजह से वे आज किसी लायक बन पाए हैं।”

क्या था विवादित बयान


गौरतलब है कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने हाल ही में कहा था, “गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, भारी पड़ेगा। अगर तुम कहोगे कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर है, तो फिर हम भी कहेंगे कि हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ है।” वहीं, इंद्रजीत सरोज ने अपने बयान में देवी-देवताओं की शक्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा था, “जब मुस्लिम आक्रांता यहां लूटपाट कर रहे थे, तब हमारे देवी-देवता क्या कर रहे थे? क्या वो उन्हें श्राप भी नहीं दे सकते थे? इसका मतलब है कि उनमें कुछ कमी है। सिर्फ राम का नारा लगाने से कुछ नहीं होगा, असली ताकत सत्ता के मंदिर में होती है, और यहां बाबा खुद विराजमान हैं।”

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