हनुमान जयंती हिंदू धर्म में अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाने वाला पर्व है, जो भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इस दिन को भगवान हनुमान की अपार शक्तियों, भक्ति, और अटल समर्पण को श्रद्धांजलि देने का पावन अवसर माना जाता है। भगवान हनुमान, जिन्हें कलियुग का जीवंत देवता माना जाता है, अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं और उन्हें ‘चिरंजीवी हनुमान’ की उपाधि प्राप्त है। ऐसा विश्वास है कि जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसे साहस, बुद्धि, शक्ति और सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त होती है।
हनुमान जयंती 2025 की तिथि व समय
तिथि: शनिवार, 12 अप्रैल 2025
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल, प्रातः 03:21 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल, प्रातः 05:51 बजे
हनुमान जयंती के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:29 बजे से 05:14 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:56 बजे से 12:48 बजे तक
अमृत काल: 11:23 बजे से 01:11 बजे तक
हनुमान जयंती का महत्व
हनुमान जयंती पर उपवास रखने और भक्ति भाव से पूजा करने से व्यक्ति को अद्वितीय शक्ति और आत्मबल प्राप्त होता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो जीवन में संकटों से जूझ रहे होते हैं। यह माना जाता है कि भगवान हनुमान की उपासना से भय, रोग, और शत्रुओं का नाश होता है। मंगलवार के दिन और हनुमान जयंती के अवसर पर पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
हनुमान जयंती 2025: पूजा विधि
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें, विशेष रूप से लाल या केसरिया रंग के।
- पूजा स्थल पूर्व दिशा में रखें और पीले या लाल कपड़े से वेदी को सजाएं।
- भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र को वेदी पर स्थापित करें।
- दीपक व अगरबत्ती जलाकर वातावरण को शुद्ध करें और मन को एकाग्र करें।
- भगवान का अभिषेक करें – पहले शुद्ध जल से, फिर पंचामृत से, और अंत में फिर से जल से।
- सिंदूर, चोला, फल, फूल, गुड़ और तुलसी पत्र अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक आदि पाठ करें।
- घी का दीपक जलाकर आरती करें और घंटी बजाएं।
- पूजा के पश्चात प्रसाद (गुड़, चना आदि) वितरित करें।
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