दोस्तो प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में वास्तुशास्त्र महत्वपूर्ण हैं, इसका प्राचीन विज्ञान मनुष्य जीवन से नकारात्मता दूर कर सकारात्मकता फैलाता हैं और जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करता हैं, ऐसे में अगर हम बात करे आईने की तो हम इसे साधारण समझते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र में घर लगाने के पूरे सिद्धांत बताएं हुए हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बातएंगे कि घर में किस तरफ दर्पण लगाने से फूटी किस्मत सही होगी, आइए जानते हैं इसके बारे में-
बेडरूम में दर्पण न रखें:
बेडरूम में दर्पण रखना अशुभ माना जाता है। यह विवाहित जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और विभिन्न समस्याओं को जन्म दे सकता
रसोई में दर्पण:
इसी तरह, रसोई में दर्पण नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे वास्तु दोष की संभावना बढ़ सकती है।
आदर्श स्थान:
उत्तर की दीवार दर्पणों के लिए पसंदीदा स्थान है। दर्पण में देखते समय, सुनिश्चित करें कि आपका चेहरा सकारात्मक ऊर्जा के लिए उत्तर या पूर्व की ओर हो।
यदि आप छत पर दर्पण लगाना चाहते हैं, तो इसका मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
बाथरूम संबंधी दिशा-निर्देश: बाथरूम के लिए, दर्पण आदर्श रूप से पूर्व या उत्तर दिशा में रखे जाने चाहिए। बाथरूम में गोल दर्पण विशेष रूप से लाभकारी होते हैं, क्योंकि माना जाता है कि वे प्रगति और खुशहाली में सहायक होते हैं।
टूटे हुए दर्पण से बचें: घर में कभी भी टूटा हुआ दर्पण नहीं रखना चाहिए। ऐसे दर्पण वास्तु दोष पैदा कर सकते हैं, जिससे घर में तनाव और समस्याएँ बनी रहती हैं।