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पाकिस्तान पर भारत सरकार के प्रतिबंधों को बिहार के नेताओं ने ठहराया सही, कहा- कड़ी कार्रवाई हो

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पटना, 24 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए सख्त फैसलों को लेकर बिहार के नेताओं ने सरकार का समर्थन किया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस आतंकी हमले को बेहद निंदनीय करार देते हुए कहा कि 26 निर्दोष लोगों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. भारत सरकार का फैसला सही है. साथ ही भाजपा एमएलसी निवेदिता सिंह और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी भारत सरकार के इस फैसले को सही ठहराया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं, पूरा देश उसके साथ खड़ा है, लेकिन अब वक्त है कठोरतम फैसलों का. उन्होंने मांग की कि आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाए और उनका सफाया किया जाए. साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि इतने बड़े पर्यटक स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा बल क्यों नहीं थे, और आखिर कहां चूक हुई? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जो निर्णय लिए जा रहे हैं, वे अब तक के सबसे कठोर फैसले हैं, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आतंकवाद के अड्डों को जड़ से खत्म किया जाए.

आरजेडी प्रवक्ता ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब देश में मातम पसरा है और 26 लोगों की चिताएं ठंडी भी नहीं हुईं, ऐसे वक्त में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि देश की जनता इस दर्द से आहत है और किसी भी राजनीतिक बयानबाजी को माफ नहीं करेगी.

भारतीय जनता पार्टी की एमएलसी निवेदिता सिंह ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय कृत्य है. उन्होंने कहा कि जिस महिला के हाथों की मेहंदी का रंग भी नहीं उतरा था उसके पति की हत्या कर दी गई. इस तरह के जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले, किसी धर्म या जाति से नहीं होते, उनका एकमात्र मकसद दहशत फैलाना होता है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने विदेश यात्रा को स्थगित कर भारत लौटकर उच्च स्तरीय बैठक की. अमित शाह के पहलगाम जाकर पीड़ित परिवारों से मिलने को उन्होंने संवेदनशील नेतृत्व का उदाहरण बताया.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस हमले के बाद जो भी निर्णय लिए हैं, वे ऐतिहासिक हैं. इनमें पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग को बंद करना, सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना, पाकिस्तानी राजनयिकों को एक सप्ताह में देश छोड़ने का निर्देश देना और पाकिस्तान के साथ हर प्रकार के कूटनीतिक संबंधों को सीमित करना शामिल है. उन्होंने कहा कि अब यह समय सिर्फ कार्रवाई का है. भारत अब किसी भी सूरत में आतंकी गतिविधियों को सहन नहीं करेगा और आतंकियों के सरपरस्तों को भी इसका परिणाम भुगतना होगा.

जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला निंदनीय और अमानवीय है. विपक्ष, समाज का हर वर्ग और देश का प्रत्येक नागरिक इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है. जिन लोगों ने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया, उनके खिलाफ सरकार को सबसे सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. मीडिया के माध्यम से मिल रही जानकारी के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठनों का आधार पाकिस्तान में है. यह पहली बार नहीं है. पिछले कई दशकों से भारत में होने वाले आतंकी हमलों के तार कहीं न कहीं पाकिस्तान स्थित संगठनों, व्यक्तियों या वहां की सरकार अथवा गैर-सरकारी ताकतों से जुड़े मिलते हैं.

पीएसएम/केआर

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