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श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार विजेताओं को गुजरात एसटी निगम की बसों में फ्री यात्रा का मिलेगा लाभ

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गांधीनगर, 6 सितंबर . Chief Minister भूपेंद्र पटेल ने श्रेष्ठ शिक्षक के रूप में अवॉर्ड प्राप्त करने वाले राज्य के शिक्षकों को एक महत्वपूर्ण भेंट देने का निर्णय किया है. इस निर्णय के अनुसार राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ शिक्षक का अवॉर्ड प्राप्त करने वाले शिक्षक गुजरात राज्य सड़क परिवहन (एसटी) निगम की सभी प्रकार की बस सेवाओं में राज्यभर में तथा राज्य से बाहर जहां तक सेवाएं संचालित हैं, वहां तक आजीवन निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे.

Chief Minister भूपेंद्र ने उनके समक्ष गुजरात राज्य अवॉर्डी टीचर फेडरेशन द्वारा की गई प्रस्तुतियों पर संवेदनापूर्ण तथा सकारात्मक प्रतिभाव देते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय किया है. अवॉर्डी शिक्षकों को आजीवन निःशुल्क यात्रा के इस निर्णय का लाभ राज्य के अब तक के लगभग 957 राज्य तथा राष्ट्रीय अवॉर्ड विजेता शिक्षकों को मिलेगा. इसके अलावा भविष्य में ऐसे श्रेष्ठ शिक्षक के राज्य-राष्ट्रीय अवॉर्ड प्राप्त करने वाले शिक्षकों को भी यह लाभ मिलेगा.

इससे पहले शिक्षक दिवस पर गुजरात के Chief Minister भूपेंद्र पटेल ने 5 सितंबर को 37 शिक्षकों को आमंत्रित किया था.

उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के निर्माण में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका होती है, इसलिए राज्य के दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के अनुभवों और विचारों को जानना बेहद जरूरी है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर मैंने राज्य के 19 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों से लगभग 37 शिक्षकों को गांधीनगर स्थित अपने आवास पर आमंत्रित किया और उनके साथ संवाद किया तथा उनके द्वारा संचालित सुंदर विद्यालयी गतिविधियों के लिए उन्हें सम्मानित किया.

सीएम भूपेंद्र पटेल ने आगे कहा कि साहित्यकारों के साथ यह ‘प्रेरणा संवाद’ कार्यक्रम अत्यंत आनंददायक रहा. शिक्षकों ने भी अपने अनुभव मेरे साथ खुलकर साझा किए. State government यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में भी छात्रों को उत्कृष्ट शैक्षणिक सुविधाएं मिलती रहें. सरकारी स्कूलों में Chief Minister अल्पाहार योजना के तहत मध्याह्न भोजन और पौष्टिक नाश्ते के अलावा स्मार्ट शिक्षा सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं. शिक्षा पर केंद्रित ऐसे विभिन्न प्रयासों के कारण, बच्चे अब बड़े उत्साह के साथ स्कूल आ रहे हैं. कई अभिभावक अब अपने बच्चों को निजी स्कूलों की बजाय सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो बेहद खुशी की बात है.

डीकेपी/

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