New Delhi, 29 अक्टूबर . बिहार में रामगढ़ विधानसभा सीट कैमूर जिले के अंतर्गत आती है. इस सीट की खास बात यह है कि पिछले चार चुनाव से यहां पर कभी राजद के उम्मीदवार ने लालटेन जलाई तो कभी भाजपा के उम्मीदवार ने कमल खिलाने का काम किया.
पिछले चार चुनाव में दो बार राजद और दो बार भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं. साल 2024 के उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की. इस बार चुनावी मैदान में भाजपा-राजद के अलावा कई पार्टियां इस बार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन असली जंग तो भाजपा और राजद के उम्मीदवारों के बीच ही है.
भाजपा ने 2024 के उपचुनाव में कमल खिलाने वाले अशोक सिंह पर भरोसा जताया है. वहीं राजद ने अजीत सिंह को टिकट दिया है. साल 2024 में बीएसपी का उम्मीदवार दूसरे, जबकि राजद का उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहा था.
इस सीट पर उपचुनाव इसीलिए हुए थे, क्योंकि 2020 में यहां से विधायक सुधाकर सिंह 2024 का Lok Sabha चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए. विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई, जिस पर उपचुनाव हुए थे. हालांकि, राजद इस सीट को बचाने में सफल नहीं हो पाई और भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए.
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की, जबकि 2010 में राजद ने दबदबा बनाया था.
इस बार भाजपा के प्रत्याशी जहां डबल इंजन Government के 20 साल के विकास कार्यों को लेकर हैं, वहीं राजद के प्रत्याशी हर घर Governmentी नौकरी दिलाने के दावे के साथ जनता के बीच पहुंच रहे हैं.
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल जनसंख्या 479213 है. चुनाव आयोग के अनुसार, इस सीट पर कुल वोटर 286371 हैं, जिसमें पुरुष 148410, महिलाएं 137959 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 2 है.
रामगढ़ एक पिछड़ा ग्रामीण क्षेत्र है, जहां बेरोजगारी और पलायन प्रमुख समस्याएं हैं. यहां के लोग कृषि पर निर्भर हैं, लेकिन बाढ़ जैसी आपदाओं ने किसान को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. यहां के लोग बेरोजगारी की वजह से बिहार से पलायन कर रहे हैं. यहां की जनता को आस है कि बिहार की नई Government उनकी विधानसभा में विकास करेगी.
–
डीकेएम/वीसी
You may also like
 - बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की होगी सख्त जांच, लापरवाही पर कार्रवाई के निर्देश
 - एसडीएम सदर विधानसभा के सुपरवाइजरों के साथ की बैठक, एसआईआर फार्म भरने की दी विस्तृत जानकारी
 - निर्मला सीतारमण का भूटान दौरा: इमरजेंसी लैंडिंग के बाद नई योजनाएं
 - मप्र में हुआ चीता पुनर्स्थापन का ऐतिहासिक कार्य, जल्द नौरादेही अभयारण्य में भी छोड़े जाएंगे चीते
 - उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का गोरखपुर आगमन पर भव्य स्वागत




